प्रभात Interview : ”ये है मोहब्बतें” फेम दिव्यांका त्रिपाठी ने कहा- मैं बहनजी टाइप नहीं हूं
छोटे परदे की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी दहिया का शो ‘ये है मोहब्बतें’ ने हाल ही में डेढ़ हजार एपिसोड पूरे कर लिए वह इस को अपने लिए प्रोफेशनली और पर्सनली बहुत खास करार देती हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत- सवाल : ये हैं मोहब्बतें की जर्नी को कैसे देखती हैं? जवाब : […]
छोटे परदे की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी दहिया का शो ‘ये है मोहब्बतें’ ने हाल ही में डेढ़ हजार एपिसोड पूरे कर लिए वह इस को अपने लिए प्रोफेशनली और पर्सनली बहुत खास करार देती हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत-
सवाल : ये हैं मोहब्बतें की जर्नी को कैसे देखती हैं?
जवाब : हमनें कभी नहीं सोचा था कि हम इतनी दूर आ जायेंगे. हम मेहनत कर सकते हैं. अपना 100 प्रतिशत दे सकते हैं लेकिन इतनी कामयाबी भी साथ में मिलेगी. ये किसे पता होता है. इस शो को साढ़े चार साल हो गये हैं तो हमने अलग-अलग खुशियां और परेशानियों को भी देखा है जैसे कभी हमारे पास एपिशोड ज्यादा नहीं थे बैंक में. मेरा फ्रैक्चर भी इस शो के दौरान हो गया था. एक ही स्टूडियो में जाकर हर दिन काम करना आसान नहीं होता है मगर खुद को जगाना पड़ता है कि हर शॉट में आप अपना बेस्ट दें.
सवाल : आपके पहले शो ‘दुल्हन’ से ही आपने सफलता देख ली थी ऐसे में आपके लिए संघर्ष क्या रहा?
जवाब : हमेशा से ही सक्सेसफुल नहीं रही हूं. मैं अपनी बात करुं तो पहले शो के बाद मुझे काम नहीं मिल रहा था लोगों का कहना था कि दुल्हन का मेरा किरदार इतना फेमस है कि दर्शक मुझे किसी और रोल में नहीं देख पायेंगे. मुझे काफी लंबे समय तक काम नहीं मिला था. मुझे अपना जॉनर बदलना पड़ा. कॉमेडी करनी पड़ी. कॉमेडी की बुरी बात ये है कि लोग कॉमेडी शोज में आपको ज्यादा पहचानते नहीं है. जब मैं मोहब्बतें से जुड़ी तो इतने सारे लोगों का सवाल था कि इतने साल बाद आप कोई सीरियल कर रही हैं. मेरा जवाब था कि मेरा दो तीन सीरियल किया है कॉमेडी सर्कस भी किया. वैसे वो जो भी संघर्ष रहा है. काम नहीं मिलने का. उसने एक एक्टर के तौर पर मुझे ग्रो किया है. वरना मैं एक के बाद मैं डेली सोप ही करती रहती थी और बहुत ही बोरिंग से एक्टर होती थी. कॉमेडी शोज किया इसलिए बीच-बीच में मैं रिफ्रेश होती रही.
सवाल : आपने अपने संघर्ष के दौरान क्या सीखा?
जवाब : आप अपने आप पर ज्यादा प्रेशर मत डालो. मैं इसी तरह का काम करुंगी. मैं ये तो बिल्कुल नहीं करुंगी. एक समय था जब मैं कहती थी कि मैं छोटे-छोटे कपड़े वाला कोई काम नहीं करुंगी लेकिन कॉमेडी सर्कस में किया. अच्छा लगा. लोगों ने सराहा. यहां तक कि मोहब्बतें में भी. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वेस्टर्न कपड़े होंगे या इंटीमेंट सीन होंगे लेकिन जब आएं तो मैंने किया. एक एक्टर के तौर पर हमको अपने दिमाग पर समय-समय पर बदलते रहना होगा. जहां आप जिद कर लेते हैं वहां से ही तकलीफें बढ़ जाती हैं. दुल्हन शो में हमारी एक डायरेक्टर थी उनका कहना था कि सीखना है तो अमिताभ बच्चन से सीखो. अमित जी को एक बार फिल्म गंगा जमुना सरस्वती में नकली मगरमच्छ उठाना था. नकली मगरमच्छ को उठाना तो वैसे आसान ही होता है. कोई एक्टर सोचता इसमें क्या है. कोई थिकिंग एक्टर होता तो वो मना करता कि ऐसा संभव है कि कोई इंसान मगरमच्छ को उठा ले. वजन मालूम है क्या मगर अमित जी की खासियत ये है कि उन्होंने कहा कि मैं उठाऊंगा और वो भी पूरे कंविंस के साथ. उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ उठाया. पर्दे एक एक नस दिख रही थी. पसीना बह रहा था. यही एक्टर को भी करना चाहिए.
सवाल : वेस्टर्न कपड़े पहनने के लिए खुद को किस तरह राजी किया?
जवाब : मुझे लोग बहनजी बोलने लगे थे बहुत से लोग. मैंने मन में सोचा कि बहनजी पहनावे से होते हैं या ये स्टेट ऑफ माइंड से. मैं काफी पढ़ी लिखी हूं. मैंने काफी दुनिया देखी है और सोच में मैं काफी एडवांस हूं.जो आज कल की एडवांस लडकियां भी न हो. कपड़े पहनने से कुछ नहीं होता है. मेरे संस्कार तो वहीं रहेंगे. मैं अंदर से भी वहीं रहूंगी. मुझे लगा कि मुझे गलत उदाहरण नहीं बनना चाहिए कि पूरे ढके कपड़े पहने से ही लड़की संस्कारी होती है. वेस्टर्न आउटफिट्स पहने लड़की भी संस्कारी होती है.
सवाल : शो में आपके और करन की केमिस्ट्री की हमेशा तारीफें होती हैं लेकिन ऑफ स्क्रीन कई बार लड़ाई झगड़े की बात सामने आती रही है.
जवाब : लड़ाई झगड़े वाली बात नहीं थी. दरअसल करन बहुत ही मूडी इंसान है और मैं बहुत ही समर्पित एक्ट्रेस हूं. मैं एकदम समय पर सेट पर पहुंच जाती थी और उसका टाइम वहां से शुरू होता था जब वह सेट पर आता था तो मेरे डॉट टाइम से उसके आउट टाइम तक मेरा शेड्यूल चलता था तो मेरे लिए बहुत ही ज्यादा सबकुछ स्ट्रेसफुल हो जाता था लेकिन मैं ऑन रिकार्ड ये बात बोलना चाहती हूं कि मैंने और करन ने एक दूसरे से ऑन सेट कभी लड़ाई नहीं की है. हां मुझे जब भी परेशानी हुई है मैंने प्रोडक्शन को कहा है कि आप इस मामले को हल कीजिए.
सवाल : टीवी बहुत हैक्टिक माना जाता है ऐसे में निजी जिंदगी में आपने क्या मिस किया?
जवाब : मैंने सबकुछ मैनेज करना सीखा. शादी के लिए भी हमारे पास समय नहीं था. बहुत कम दिन निकल पा रहे थे लेकिन हमने कहा कि हम इसी में करके दिखायेंगे. कहां हम शो को खत्म होने का इंतजार करते थे. हमने मैराथन मैरिज की. मैंने यहां पैकअप किया है शाम को फ्लाइट पकड़ी है. ज्वेलरी वगैरह दुप्पट्टे में मुंह ढककर खरीदा था. भोपाल पहुंचते ही फिर शादी से जुड़ी पूजा पाठ. फेरा भी जल्दी-जल्दी लिया गया. फ्लाइट छूट जायेगी. ये डर था. लग रहा था डेली सोप ही चल रहा है. चंडीगढ़, मुंबई का रिसेप्शन के बाद फिर काम पर लौट आये. मेरा कॉट्रेक्ट भी कुछ इस तरह का है कि मैं अपना काम लगन से करती हूं और अपनी छुट्टियां इकट्ठी कर लेती हूं. अभी मालदीव के लिए चार दिन की छुट्टियां ली थी. जहां तक मिस करने की बात है तो अपने मम्मी पापा को समय नहीं दे पायी हूं. पति और ससुराल वालों में अभी ज्यादा जाना हुआ है लेकिन हां अगले महीने में भी जाऊंगी और मम्मी पापा के साथ समय बिताऊंगी.
सवाल : इस शो के दौरान विवेक जैसा जीवनसाथी भी आपको मिला. क्या चीजें आपको विवेक की पसंद है और कोई बात जो नहीं पसंद है?
जवाब : मैं शादी करके बहुत खुश हूं. मैं सभी लड़कियों को शादी करने की सलाह दूंगी लेकिन साथ में ये भी कहूंगी कि सही लाइफ पार्टनर मिलने पर ही शादी करें. विवेक बहुत ही फन लविंग, बहुत ही रोमांटिक हैं. मन होता है तो खुद ही गाने लगता है डांस करता है. हमेशा रोमांटिक सरप्राइजेस देता है. जहां तक गुस्से की बात हैं तो मुझे तो कोई शिकायत नहीं. हां उनको गुस्सा आता है कि मैं रात को जल्दी नहीं सोती हूं. बहुत ही छोटी नींद मेरी होती है. मुझे जबरदस्ती सुलाना पड़ता है. (हंसते हुए) वैसे मैंने उनको लेट तक जगना सीखा दिया है.
सवाल : टीवी की आप नंबर वन एक्ट्रेस हैं इस टैग को आप किस तरह से लेती हैं?
जवाब : मुझे जिम्मेदारी का एहसास करवाता है. एक-एक शब्द बोलने से पहले सोचना पड़ता है. मुझे याद है इंस्टाग्राम पर मुझे एक पोस्ट आया था कि मेरी बेटी ने कहा कि इशिता पैसेंजर सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाती तो मैं क्यों लगाऊं. मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ. अब मैं इन बातों पर बहुत ध्यान देती हूं. वैसे शो में जब भी कुछ महिला से जुड़े विषय आएं हैं. मैंने उस पर एक्स्ट्रा इनपुट्स दिया है. रेप के लिए हो या गुड टच या बैड टच समझाना. हमसे लोग प्रभावित होते ही हैं तो क्यों न उन्हें अच्छे तरीके से किया जाए.