नयी दिल्ली : समय-समय पर अपने बेबाक बयानों और ट्वीट्स को लकर सुर्खियों में छा जानेवाली बॉलीवुडअभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भीमा कोरोगांव हिंसा मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाये हैं.
स्वरा भास्कर ने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी की हत्या पर खुशी जाहिर करनेवाले लोग आज सत्ता में हैं. साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को हमें जेल में डाल देना चाहिए.
मालूम हो कि स्वरा ने भीमा कोरोगांव हिंसा मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के समय भी सवाल उठाते हुए ट्वीट किया थाकि भारतीय जेलें केवल लेखकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए हैं.
‘निल बटे सन्नाटा’, ‘रांझणा’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘अनारकली ऑफ आरा’ और ‘वीरे दी वेडिंग’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के जलवे बिखेर चुकीं स्वरा भास्कर ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए कहा, पंजाब में जब खालिस्तान का मुद्दा चल रहा था तो कई लोग ऐसे थे जो भिंडरावाले को संत बुलाते थे.
संत जनरैल के नाम से बुलाते थे, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे? इस देश में महात्मा गांधी जैसी महान शख्सियत की हत्या हुई, उस समय भी कई ऐसे लोग थे जो उनकी हत्या का जश्न मना रहे थे. आज वो सत्ता में हैं, उन सबको जेल में डाल देना चाहिए? नहीं ना. इसका जवाब है नहीं. हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी.
स्वरा भास्कर इससे पहले भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रही हैं. इसके लिए कई बार उन्हें ट्रोल्स का भी सामना करना पड़ा है.
आपको याद होगा कि कुछ महीने पहले जब स्वरा ने सोशल मीडिया पर कठुआ में 8 साल की बच्ची के रेप के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था तब भी उन्हें ट्रोल का सामना करना पड़ा था. लोगों का कहना था कि स्वरा सिर्फ एक पक्ष का समर्थन करती हैं.
यहां यह जानना गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किये गये पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में ही नजरबंद रखा जाए.