कौन बनेगा करोड़पति: बिहार के सोमेश ने जीता 25 लाख, कहा-10वीं कक्षा की इच्छा हुई पूरी
भागलपुर : सोनी टीवी पर चल रहे कौन बनेगा करोड़पति शो के तीसरे दिन बुधवार को भी भागलपुर हुसैनाबाद के सोमेश चौधरी महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठे और दर्शकों की निगाहें उन पर टिकी रही. लगातार प्रश्नों का जवाब देते गये, लेकिन अल्फ्रेड नोबेल कौन दो अलग-अलग विषय पर नोबेल पुरस्कार […]
भागलपुर : सोनी टीवी पर चल रहे कौन बनेगा करोड़पति शो के तीसरे दिन बुधवार को भी भागलपुर हुसैनाबाद के सोमेश चौधरी महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठे और दर्शकों की निगाहें उन पर टिकी रही. लगातार प्रश्नों का जवाब देते गये, लेकिन अल्फ्रेड नोबेल कौन दो अलग-अलग विषय पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया पर अटक गये और यह उनके लिये आखिरी प्रश्न रहा. हालांकि अमिताभ बच्चन ने उन्हें 25 लाख जीतने की बात कह कर दिलासा दिया और अपने साथ सेल्फी लेकर माहौल को हल्का कर दिया.
10वीं कक्षा की इच्छा हुई पूरी, अभी और आगे जाना है
कौन बनेगा करोड़पति (कबीसी) में 25 लाख जीतने के बाद आगे का सफर जारी रखते हुए भागलपुर के सोमेश चौधरी का कहना है कि 10वीं कक्षा में ही केबीसी में जाने की इच्छा थी, जो पूरी हुई. सफर लंबा है, अभी और आगे जाना है. उन्होंने बताया कि अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठना एक सपना जैसा लग रहा था. हॉट सीट पर बैठने के बाद शून्य की स्थिति बन गयी थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई. खेल शुरू हुआ और प्रश्नों का अपने बिहारी अंदाज में जवाब देते हुए 25 लाख रुपये का सफर तय कर आगे का सफर जारी रखा है. वर्तमान में सोमेश बंगाल के कूचबिहार में टीइ के पद पर कार्यरत हैं. प्रभात खबर कार्यालय, भागलपुर पहुंचे सोमश की जीतेंद्र सिंह तोमर से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
सवाल : भारतीय रेल में टीइ के पद पर काम करते हुए केबीसी में जाने के बारे में कैसे सोचा.
जवाब : आज से 10 साल पहले स्कूली पढ़ाई के दौरान टीवी पर कार्यक्रम देखने के बाद इस खेल में जाने की इच्छा हुई थी, लेकिन जॉब लगने के बाद इस तरफ से मन बदल गया. छोटी बहन ने इस खेल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. उसका कहना था कि अगर कोशिश करेंगे तो अवश्य सफलता मिलेगी. इस बात पर रजिस्ट्रेशन कराया और चांस मिल गया.
सवाल : भारतीय रेल के जॉब से क्या आप संतुष्ट हैं. इस जॉब में कैसा महसूस करते हैं.
जवाब : टीइ का जॉब भारतीय रेल का फेस है. मैं अपने जॉब से संतुष्ट हूं. इस जॉब में लोगों की सेवा व सहयोग करने से आत्म संतुष्टि मिलती है. ट्रेन में ड्यूटी के दौरान गेट पर खड़े हो प्रयास रहता है कि लोग दौड़ कर ट्रेन न पकड़े. दौड़ कर ट्रेन पकड़ने में दुर्घटना की संभावना अधिक रहती है. दौड़ कर लोग ट्रेन पकड़ते हैं और ट्रेन के नीचे चले जाते हैं. इसमें 80 प्रतिशत लोगों की जान चली जाती है. 20 प्रतिशत लोगों की जान बचती है. पुलिस के पहुंचने से पहले उनको ट्रेन के नीचे से खुद निकालने व अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते हैं. इससे भी संतुष्टि मिलती है.
सवाल : कैसा जीवन साथी चाहते हैं, उससे क्या अपेक्षा रखते हैं.
जवाब : जमीन से जुड़े लोग हैं. जीवन साथी से कोई अपेक्षा नहीं रखते. खाने का शौकिन हूं. अच्छा खाना बना दे. इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए. परिवार में सभी लोगों से मिलजुल कर रहे, यही अपेक्षा रखता हूं.
सवाल : अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने के समय आप कैसा महसूस कर रहे थे.
जवाब : अमिताभ जी ने जब हॉट सीट पर बैठने को कहा, तो मैं उनके बैठने का इंतजार करने लगा. जब वह बैठ गये तब मैं सीट पर बैठा. उनके सामने बैठने के बाद शून्य की स्थिति बन गयी थी, उन्होंने बातचीत कर स्थिति को सामान्य किया. उनके सामने बैठना एक सपना जैसा लग रहा था.
सवाल : जीत में मिले पैसे से आप समाज के लिए क्या करना चाहते हैं.
जवाब : जीत में मिले पैसे से भागलपुर में हाइटेक संगीत व कला संस्थान खोलने की इच्छा है, ताकि यहां के लोगों का पलायन रुके. मुंबई की तरह भागलपुर में ही सारी सुविधाएं कलाकारों को मिले.
सवाल : एक दिन का आपको पावर मिले, तो आप भागलपुर के लिए क्या करेंगे.
जवाब : भागलपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है, लेकिन जब तक शहर की सड़कें सुंदर नहीं होंगी शहर कैसे स्मार्ट बनेगा. मैं सड़क को चौड़ी और सुंदर बनाऊंगा, लाइटें लगवाऊंगा तो शहर खुद सुंदर बन जायेगा.
सवाल : सफलता प्राप्त करने के लिए क्या टिप्स देना चाहते हैं.
जवाब : टॉपिक बना कर तैयारी करें. लक्ष्य को ध्यान में रखें. जिस चीज की तैयारी कर रहे हैं उस पर फोकस कर तैयारी करें. खुद पर विश्वास करें. खुद स्थापित हो जायें, तब दूसरों के बारे में सोचें. लोग क्या कहते हैं, इस बारे में न साेचें. लोगों का क्या, लोगों का काम है कहना.
सवाल : बच्चन जी के सवाल पूछने का अंदाज आपको कैसा लगा, जवाब देने में आपको किसी तरह की परेशानी महसूस हुई.
जवाब : बच्चन जी अपने अंदाज में सवाल पूछ रहे थे. मैंने भी ठेठ बिहारी अंदाज में जवाब दिया. एक बिहारी सब पर भारी सोचकर जवाब देते रहा. मेरे जवाब से खुद अमिताभ जी सोचने पर मजबूर हो गये कि उनके पूछे सवाल पर मेरा जवाब क्या होगा. मेरी हाजिर जवाबी से वह भी हैरान हो रहे थे.
सोमेश की हार्दिक इच्छा
किसी की मदद करना अच्छा लगता है, रेलवे की नौकरी में इच्छा पूरी हुई.
खुद की जिंदगी अपने हिसाब से जीना चाहता हूं.
बड़ा परिवार है, सबके साथ रहना अच्छा लगता है.
दो भाई एक बहन है, बड़े भाई की शादी नहीं हुई है.
दो वर्ष से नौकरी में हूं,कुछ दिन अकेले जीना चाहता हूं.
बच्चन जी से बिंदास बातचीत की, इच्छा पूरी हुई.
छोटे शहर का आम आदमी जब वहां पहुंच सकता है, प्रयास कर हर कोई वहां पहुंच सकता है.
बाइपास की तरह शहर की सड़क सुंदर हो,तो शहर खुद ब खुद स्मार्ट सिटी बन जायेगा.
सड़क ही शहर की सुंदरता है, लाइट लगते ही दूर से सुंदर दिखेगा अपना शहर.