अमिताभ बच्चन के जन्मदिन से पहले बेटी श्वेता बच्चन करेंगी यह खास काम…

नयी दिल्ली : रोजमर्रा की जिंदगी को बयां करता श्वेता बच्चन नंदा का पहला उपन्यास जल्द ही प्रकाशित होने वाला है. मुंबई के घरों की कहानी कहते इस उपन्यास को श्वेता अपने पिता के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 10 अक्तूबर को लेकर आयेंगी. ‘हार्परकोलिंस इंडिया’ द्वारा प्रकाशित ”पैराडाइज टावर्स” को श्वेता की एक अच्छी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2018 10:44 PM

नयी दिल्ली : रोजमर्रा की जिंदगी को बयां करता श्वेता बच्चन नंदा का पहला उपन्यास जल्द ही प्रकाशित होने वाला है. मुंबई के घरों की कहानी कहते इस उपन्यास को श्वेता अपने पिता के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 10 अक्तूबर को लेकर आयेंगी.

‘हार्परकोलिंस इंडिया’ द्वारा प्रकाशित ”पैराडाइज टावर्स” को श्वेता की एक अच्छी शुरुआत बताया जा रहा है. एक बिल्डिंग के अंदर जीवन के तमाम कश्मकश को ढूंढने की कोशिश करती यह किताब खो चुकी रुमानियत, दूर भागने की प्रवृत्ति, आपसी बातचीत में तनाव और धमाकेदार दिवाली के जश्न की बात करती है.

”पैराडाइज टावर्स” लिखने का विचार कैसे आया, यह पूछे जाने पर श्वेता ने कहा, मैं अपने दादा के सान्निध्य में बड़ी हुई हूं, जो एक कवि और लेखक थे. लिखना और पढ़ना हमेशा से हमारे जीवन का एक बेहद अहम हिस्सा रहा है.

जब मैं छोटी थी तब से मैं डायरी लिखा करती थी. मैं कहानियां भी लिखती थी, जिसे मैंने कभी किसी से साझा नहीं किया. उन्होंने कहा, फिर, एक दिन मैंने कहा कि अब मैं इस काम में हाथ आजमाऊंगी.

मैंने मुंबई में एक अखबार के लिए स्तंभ लिखना शुरू किया. इससे मेरे अंदर आगे बढ़ने और इस पर पूरा ध्यान देने का आत्मविश्वास आया और नतीजे के रूप में ‘पैराडाइज टावर्स’ आपके सामने है.

फिल्मकार करण जौहर ने इस किताब को ”गतिमान, हर चीज को बारीकी से बयां करने वाला, हास्य से भरपूर और असाधारण रूप से बौद्धिक” बताया है. हार्परकोलिंस इंडिया की सहायक संपादक श्रेया पुंज के अनुसार, ”पैराडाइज टावर्स” में ताजगी है, इसमें अंतदृष्टि है और इसकी कहानी से हर व्यक्ति जुड़ाव महसूस करेगा.

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