नयी दिल्ली : अभिनेता प्रकाश राज ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की ‘बिगड़ती’ स्थिति को लेकर शनिवार को चिंता जाहिर की और कहा कि वह चिंतित है कि कैसे मीडिया को संगठित तरीके से देश में खरीदा जा रहा है.
राज ने पत्रकारों पर हमले के खिलाफ राष्ट्रीय सम्मेलन में दावा किया कि उन्होंने खुद देखा है कि जब वह अधिकारियों के खिलाफ बोलते हैं तो यह मीडिया में प्रकाशित नहीं किया जाता है.
सरकार के मुखर आलोचक रहे अभिनेता राज ने कहा, जो चीज मुझे सबसे ज्यादा चिंतित करती है वह तरीका है जिसमें मीडिया संगठित तरीके से खरीदा जा रहा है. लोगों को किसी से नफरत करने के लिए कैसे खरीदा जाता है.
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने कहा, ऐसे कई उदाहरण हैं जब मैंने संवाददाता सम्मेलन बुलाया और मीडिया उसमें आया लेकिन उसके बारे में कुछ नहीं लिखा.
वरिष्ठ पत्रकार और देशबंधु के प्रधान संपादक ललित सुरजन ने पत्रकारों के बीच एकता का आह्वान किया. सुरजन ने आरोप लगाया, ऐसा पहली बार नहीं है जब पत्रकारों पर हमले किये जा रहे है लेकिन इससे पूर्व पत्रकारों के बीच एकजुटता होती थी और इस कारण से सरकार को पीछे हटना पड़ता था.
मीडिया पर लोगों का विश्वास खत्म करने के लिए अब सभी प्रकार के तरीके अपनाये जा रहे हैं और इसमें नये मीडिया संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
वहीं, प्रकाश राज ने राफेल डील पर उभरे ताजा घटनाक्रम पर भी एक ट्वीट किया है.
Dear supreme where will you hide your face now.. #justasking pic.twitter.com/Q2LJvcgzby
— Prakash Raj (@prakashraaj) September 22, 2018
दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से लिखा है कि राफेल डील के लिए भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था और दसॉ एविएशन कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं था.
ओलांद का कहना है कि भारत सरकार की तरफ से ही रिलायंस का नाम दिया गया था. इसे चुनने में दसॉ की भूमिका नहीं है. इससे राफेल डील को लेकर देश में विवाद को हवा मिल गयी है.