शॉर्ट फिल्‍म ”I Heard Sita” में दिखेगी पलामू टाइगर प्रोजेक्ट की खूबसूरती

सैकत चटर्जी हिंदी शार्ट फिल्म ‘I Heard Sita’ (मैंने सीता को सुना था) में अब पलामू टाइगर रिज़र्व की खूबसूरती की झलक दिखने को मिलेगा. संवृद्धि के बैनर तले आकांक्षा प्रियदर्शिनी द्वारा निर्देशित यह फिल्म बनकर तैयार है. इसे देश-विदेश के कई फिल्म फेस्टिवल में भेजने की तैयारी चल रही है. प्रभात खबर को दिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 3:34 PM

सैकत चटर्जी

हिंदी शार्ट फिल्म ‘I Heard Sita’ (मैंने सीता को सुना था) में अब पलामू टाइगर रिज़र्व की खूबसूरती की झलक दिखने को मिलेगा. संवृद्धि के बैनर तले आकांक्षा प्रियदर्शिनी द्वारा निर्देशित यह फिल्म बनकर तैयार है. इसे देश-विदेश के कई फिल्म फेस्टिवल में भेजने की तैयारी चल रही है. प्रभात खबर को दिए गए खास भेटवार्ता में आकांक्षा बताती है की दिसंबर तक यह फिल्म तक़रीबन तीन फेस्टिवल में दिखाया जायेगा.

उन्होंने कहा की उनके पिता डॉ अनिल कुमार मिश्रा पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के विभिन्न पदों पर रहे है,उनके साथ ही इस इलाके को घुमा और जाना. जब उनके दिमाग में ‘I Heard Sita’ को लेकर काम करने की बात आई तो सबसे पहले पलामू टाइगर रिज़र्व के इन हसीं वादिओं का ख्याल आया.

‘I Heard Sita’ की कहानी एक रूपक है जो रामायण की सीता और पर्यावरण के इर्दगिर्द घूमती है. इसमें नृत्यों और भाव-भंगिमाओं के जरिये अपनी बातो को रखा गया है. निर्देशन के अलावे आकांक्षा नृत्यों को भी कंपोज़ किया है. फिल्म के मुख्य पात्र सीता की भूमिका भी वो खुद ही कर रही है.

बोकारो से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद आकांक्षा उच्च शिक्षा के साथ-साथ शास्त्रीय नृत्य व मयूरभंज छौ की तालीम ली. उन्होंने अपने नृत्य को प्रभावशाली बनाने के लिए अभिनय भी सीखा. उन्होंने इन दोनों विधाओं को साथ-साथ लेकर गांधारी, योशिता, आदियोगी, बहुरूपा, काली आदि कई नृत्य प्रस्तुति तैयार किया है. वे इनको हंगेरी,कनाडा, तंजानिया, अल्जेरिया आदि देशो में प्रस्तुत कर चुकी है.

कुछ महीने पूर्व रांची में भी उन्होंने अपने एकल नृत्य प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था. दिल्ली, कोलकाता जैसे महानगरों में भी आकांक्षा की प्रस्तुतिओं को सराहा गया है. आने वाले दिनों में आकांक्षा विभिन्न देशो में किये जाने वाले नृत्य के मुद्राओं को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक फिल्म बनाने जा रही है.

झारखण्ड में पली-बड़ी आकांक्षा अपने आने वाली फिल्म की शूटिंग भी झारखण्ड में ही करेंगी. झारखण्ड फिल्म नीति पर उन्होंने कहा की युवा निर्देशकों के लिए यह काफी अच्छा है, पर इसके तहत मिलने वाले अनुदान की स्वीकृति काफी विलम्ब से मिलना थोड़ा दुखद है.

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