तनुश्री के मामले में फैसला अनुचित था, अब कुछ नहीं कर सकते: CINTAA
मुंबई : सिने और टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA) ने मंगलवार को कहा कि वह 2008 में नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता के यौन उत्पीड़न के आरोप का समाधन नहीं कर पायी थी लेकिन अब अभिनेत्री को अपना समर्थन देती है. दत्ता ने एक दशक पहले सिनटा में शिकायत दर्ज करायी थी क्योंकि उन्होंने ‘हॉर्न […]
मुंबई : सिने और टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA) ने मंगलवार को कहा कि वह 2008 में नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता के यौन उत्पीड़न के आरोप का समाधन नहीं कर पायी थी लेकिन अब अभिनेत्री को अपना समर्थन देती है.
दत्ता ने एक दशक पहले सिनटा में शिकायत दर्ज करायी थी क्योंकि उन्होंने ‘हॉर्न ओके प्लीज’ फिल्म के एक गाने के लिए पाटेकर के साथ शूटिंग के दौरान असहज महसूस किया था. अभिनेत्री ने आरोप लगाया था कि संगठन ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया.
अपने नये बयान में सिनटा ने कहा, वह किसी भी शख्स के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले कृत्य की निंदा करते हैं और हमारे लिए किसी भी तरह का यौन उत्पीड़न अस्वीकार्य है. बयान में कहा गया है कि मार्च 2008 में सिनटा की कार्यकारी समिति में दायर की गयी दत्ता की शिकायत देखने के बाद हमें लगता है कि सिनटा की संयुक्त विवाद निपटान समिति और IFTPC (तब AMPTPP के तौर पर जानी जाती थी) में अनुचित फैसला हुआ था क्योंकि इसमें यौन उत्पीड़न की मुख्य शिकायत का समाधान नहीं किया गया था.
संगठन ने कहा कि तब अलग कार्यकारी समिति थी और सिनटा को लगता है कि यह बहुत खेदजनक है और इसके लिए माफी काफी नहीं हो सकती हैं. इसलिए हमने आज संकल्प लिया है कि ऐसी चूक दोबारा नहीं होने देंगे. बयान में कहा गया है कि सिनटा अपने सदस्यों की गरिमा और आत्मसम्मान के लिए मजबूती से खड़ी है. यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है लेकिन दुर्भाग्य से सिनटा का संविधान हमें तीन साल से ज्यादा पुराने मामले को उठाने की इजाजत नहीं देता है.