MeToo: जतिन दास के खिलाफ यौन उत्पीड़न का चौथा आरोप लगा
नयी दिल्ली : चित्रकार जतिन दास के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है और इस कड़ी में गुरुवार को चौथी महिला ने दावा कि किया कि चित्रकार ने 1999 या 2000 में उसका शोषण किया जब वह उनके सहायक के तौर पर उनके साथ काम कर रही थी. दास […]
नयी दिल्ली : चित्रकार जतिन दास के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है और इस कड़ी में गुरुवार को चौथी महिला ने दावा कि किया कि चित्रकार ने 1999 या 2000 में उसका शोषण किया जब वह उनके सहायक के तौर पर उनके साथ काम कर रही थी.
दास ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनका इनसे कुछ लेना देना नहीं है. भारत में चल रहे मी टू अभियान के तहत कागज बनाने वाली एक कंपनी की सह संस्थापक निशा बोरा ने सबसे पहले 16 अक्तूबर को उनके खिलाफ आरोप लगाये थे.
बोरा ने दावा किया कि दास ने 14 साल पहले अपने स्टूडियो में उनसे छेड़छाड़ की. मी टू कार्यकर्ता संध्या मेनन द्वारा गुरुवार को साझा की गयी एक पोस्ट में मालविका कुंडू ने आरोप लगाया कि जब वह 18 वर्ष की थीं, तो दास ने उनसे दुर्व्यवहार किया था.
जब 76 वर्षीय दास से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, यह बेहद अभद्र है. मैं नहीं जानता कि वो लोग वहां क्या करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है. मैं नहीं जानता कि और क्या कह सकता हूं.
कुंडू ने आरोप लगाया कि दास अनावश्यक रूप से उसे छू रहे थे और लगातर उसे बेबी कह रहे थे. वह भी तब जब वह उन्हें ऐसा करने के लिए मना कर रही थी. जब वह उनके लिए काम करती थीं तो वह उसके बेहद करीब खड़े होते थे.
उन्होंने लिखा कि यह सबकुछ नौकरी के पहले ही दिन उनके (दास के) घर पर हुआ, जिसमें उनके किताबों के संग्रह को सूचीबद्ध करने की जरूरत थी.
उन्होंने कहा, उन्होंने मुझे इतना असहज कर दिया कि मैं इस नौकरी में बिताये गये तीन दिनों से नफरत करने लगी. कहने के बाद भी उनका मुझे बेबी कहना नहीं रुका. लगातार बेबी कहने के अलावा वह अक्सर मुझे अनावश्यक रूप से छूते थे.