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#IndiraGandhi पुण्‍यतिथि पर विशेष: राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन पर बनीं ये 5 यादगार फिल्‍में

देश की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की आज (31 अक्टूबर ) पुण्यतिथि है. भारतीय राजनीति के इतिहास में एक बेहद मजबूत इरादों वाली राजनेता के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी को कठोर फैसले लेने वाली प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है. उन्होंने अपनी दृढ़ता का परिचय सिर्फ अपने राजनीतिक फैसले से ही […]

देश की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की आज (31 अक्टूबर ) पुण्यतिथि है. भारतीय राजनीति के इतिहास में एक बेहद मजबूत इरादों वाली राजनेता के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी को कठोर फैसले लेने वाली प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है. उन्होंने अपनी दृढ़ता का परिचय सिर्फ अपने राजनीतिक फैसले से ही नहीं दिया बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी वे उतनी ही मजबूत ‌इरादों की थीं. आयरन लेडी के रूप में विख्यात पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह गुण उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिली थी.

इंदिरा गांधी की शख्‍सीयत को कई फिल्‍मकारों ने पर्दे पर भी उतारा. लेकिन कई फिल्‍मों पर विवाद हुआ और कई फिल्‍में प्रतिबंधित भी हो गईं. हालांकि कुछ फिल्‍में बाद में रिलीज हुई. जानें ऐसी ही 6 फिल्‍मों के बारे में…

आंधी (1975)

1975 में बनी गुलजार निर्देशित फिल्म ‘आंधी’ आज भी चर्चित फिल्‍मों में से एक है. इस फिल्‍म के जरिए विवादों की ऐसी आंधी उठी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर इस फिल्‍म पर प्रतिबंध लगा दिया गया. कथित रूप से इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित इस फिल्म की नायिका सुचित्रा सेन का पूरा गेटअप इंदिरा गांधी से प्रेरित था. गुलजार ने यह फिल्‍म उस वक्‍त बनाई थी जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. फिल्‍म में सुचित्रा सेन और संजीव कुमार ने मुख्‍य भूमिका निभाईं थी. सुचित्रा सेन का किरदार इंदिरा गांधी से प्रभावित था.

किस्‍सा कुर्सी का (1977)

इंदिरा सरकार के दौरान लगाई गई इमरजेंसी में बॉलीवुड की कई फिल्मों को रिलीज होने से रोक दिया गया था जिसमें से एक फिल्‍म ‘कुर्सी का किस्‍सा’ भी थी. फिल्‍म में शबाना आजमी, उत्‍पल दत्‍त और राज बब्‍बर मुख्‍य भूमिका में थे. फिल्म का निर्देशन अमृत नाहटा ने किया था. इस फिल्‍म के ओरिजनल प्रिंट ही जलाकर नष्ट कर दिए गये थे. अमृत नाहटा ने 1977 में दोबारा यह फिल्म बनाई, इसमें राज बब्बर नहीं थे. फिल्म में राज किरन, शबाना आजमी और सुरेखा सीकरी मुख्य भूमिका में दिखे. ‘किस्सा कुर्सी का’ पर आरोप लगा था कि फिल्म में संजय गांधी के ऑटो मेन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट का मजाक बनाया गया है.

अमु (2005)

शोनाली बोस के निर्देशन में बनी फिल्‍म ‘अमु’ इसी नाम के उपन्‍यास पर आधारित थी. फिल्‍म में कोंकणा सेन शर्मा, वृंदा करात और अंकुर खन्‍ना मुख्‍य भूमिका में थे. यह फिल्‍म साल 1984 के सिख-दंगो पर आधारित थी. जिसमें हजारों सिखों की हत्‍या हुई थी. फिल्‍म को सेंसर बोर्ड से अनु‍मति लेने में थोड़ी परेशानी जरूर हुई थी. हालांकि कुछ कट्स के बाद फिल्‍म को ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज के लिए मंजूरी दे दी गई थी.

मद्रास कैफे (2013)

हालांकि इस फिल्‍म की कहानी सीधे इंदिरा गांधी पर नहीं बल्कि उनके बेटे राजीव गांधी की हत्‍या और उनके LTTE में कामकाज करने के आसपास घूमती है. फिल्‍म में जॉन अब्राहम, नरगिस फाखरी, रिषि खन्‍ना, सिद्धार्थ बसु और प्रकाश बेलावदी ने मुख्‍य भूमिका निभाई थी. राजनीतिक पृष्‍ठभूमि पर बनी इस फिल्‍म को शूजित सरकार ने निर्देशित किया था.

31 अक्‍टूबर (2016)

देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद की परिस्थितियों पर फिल्म ’31st October’ बनी थी. इस फिल्‍म पर काफी बवाल मचा था, हालांकि कुछ सींस को कट करने के बाद फिल्‍म सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी. फिल्‍म में सोहा अली खान और वीर दास ने मुख्‍य भूमिका निभाई थी.

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