NTR Movie Review: सुपरस्टार से राजनेता बने NT RamaRao की बायोपिक कैसी बनी है?

दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार और आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम नंदामूरी तारक रामाराव यानी एनटी रामाराव की बायोपिक की चर्चा पिछले काफी समय से चल रही थी. एनटी रामाराव की बायोपिक का इंतजार भी किया जा रहा था. 9 जनवरी को इस फिल्म को बड़े स्तर पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रिलीज कर दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2019 5:58 PM

दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार और आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम नंदामूरी तारक रामाराव यानी एनटी रामाराव की बायोपिक की चर्चा पिछले काफी समय से चल रही थी. एनटी रामाराव की बायोपिक का इंतजार भी किया जा रहा था.

9 जनवरी को इस फिल्म को बड़े स्तर पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रिलीज कर दिया गया. वहीं, तमिलनाडु में लगभग 1000 स्क्रीन्स पर जबकि कर्नाटक और केरल में भी बायोपिक रिलीज किये जाने की खबर है.

एनटी रामाराव के जीवन पर दो हिस्सों में बायोपिक बनायी गयी है. यह इस बायोपिक का पहला भाग है और दूसरा भाग फरवरी के पहले हफ्ते में रिलीज किया जाएगा. इस फिल्म का निर्देशन कृष जगारलामुडीनेकिया है.

फिल्म में टाइटल रोल नंदमूरि बालकृष्णा ने निभाया है. जबकि बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने उनकी पत्नी बासवतारकम नंदमूरि के किरदार में नजर आयी हैं.

तमिल और तेलुगु की कई फिल्मों में एनटीआर की लीड एक्ट्रेस का किरदार निभा चुकीं स्वर्गीय अभिनेत्री श्रीदेवी का किरदार रकुल प्रीत सिंह ने निभाया है. वहीं, बाहुबली फेम राणा दुग्गुबाती ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की भूमिका में दिखेंगे.

फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन आ रहे हैं. इनमें बालकृष्णा और विद्या की एक्टिंग के अलावा, फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले की तारीफ की जा रही है. कई लोग तो इसे बालकृष्ण के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी बता रहे हैं.

NTR के फिल्मी और राजनीतिक जीवन की बात करें, तो तमिल और तेलुगु फिल्मों के इस सुपरस्टार ने अभिनय से लेकर निर्देशन, पटकथा लेखन और फिल्म निर्माण का काम किया और वह बेहद सफल रहे. फिल्मों के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर भी वह सफल रहे और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

एनटीआर के बारे में कहते हैं कि वह जितने बड़े अभिनेता थे, उनका जीवन भी उतनी ही रोमांचक घटनाओं से भरा हुआ था. राजनीति में उनका आना, धोखे से किसी और का मुख्यमंत्री बन जाना, किसी हीरो के अंदाज में उनकी वापसी और उनके आठ बेटों का भी फिल्मों और राजनीति में करियर बनाना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 18 जनवरी, 1996 को हैदराबाद में 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली.

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