17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के लाल ललित ने लिखी थी आमिर खान के ‘सत्यमेव जयते’ की पटकथा

मृत्युंजय कुमार जहानाबाद : छह मई, 2012 से अभिनेता आमिर खान का ‘सत्यमेव जयते’ सीरियल दूरदर्शन और स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ था. कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों और महिलाओं के साथ दुराचार, यौनशोषण, दहेज, ऑनरकिलिंग, घरेलू हिंसा, शराब समेत कई मुद्दों को उठाया गया था और इसको लेकर लोगों को जागरूक किया गया था. सत्यमेव […]

मृत्युंजय कुमार

जहानाबाद : छह मई, 2012 से अभिनेता आमिर खान का ‘सत्यमेव जयते’ सीरियल दूरदर्शन और स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ था. कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों और महिलाओं के साथ दुराचार, यौनशोषण, दहेज, ऑनरकिलिंग, घरेलू हिंसा, शराब समेत कई मुद्दों को उठाया गया था और इसको लेकर लोगों को जागरूक किया गया था. सत्यमेव जयते केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोगों के विचारों को बदलने का एक सशक्त प्रयास था. इसकी काफी प्रशंसा हुई थी. खास बात है कि इतनी बड़ी उपलब्धियों की पटकथा लिखने वाला शख्स बिहार की धरती से जुड़ा है. उनका नाम है ललित शंकर पाठक, जो जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाने के सुपी गांव के रहने वाले हैं.

ललित शंकर ने बताया, मैं भी उक्त सीरियल का सदस्य रह चुका हूं. शुरुआती 13 एपिसोडों के लिए सामाजिक मुद्दों पर लेखन और अनुवाद मैंने ही किया था, लेकिन उस वक्त सब कुछ सीक्रेट रखना था. उन दिनों मैं भी बेरोजगार था. मेरे अंदर लेखन की धुन सवार थी. यह भी एक संयोग रहा कि फेसबुक के माध्यम से मुझे यह मौका मिला. ललित अपने आप में एक प्रेरणा भी हैं. उन्होंने अपनी शादी के वक्त तिलक-दहेज को लौटाकर सिर्फ एक नारियल रस्म की खातिर लिया. साथ ही अब भी अपने छोटे भाई की शादी बगैर दहेज के ही करने को लेकर संकल्पित भी हैं.

चार वर्षों तक मध्य प्रदेश के आदिवासियों और किसानों के बीच रहे

विनय शंकर पाठक के बड़े बेटे ललित की प्रतिभा को आज पूरा शहर जानता है, लेकिन शायद अतीत से लोग अंजान हैं. अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर और नरसिंहपुर इलाके में आदिवासियों और किसानों के बीच चार वर्षों तक उनके उत्थान के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में बेहतर काम किया. इन्हीं गरीबों के बीच झोंपड़ियों में इनका रहना और खाना भी होता था. इस बीच वह एक बार भी घर नहीं लौटे. घरवालों के दबाव में जब लौटकर जहानाबाद पहुंचे तो यहां भी समाज हित में कुछ करने को आंदोलित हुए. बिहार औरदेश में नक्सल समस्याओं और नरसंहारों के कारण बदनाम रहे जहानाबाद की छवि को बदलने का निश्चय कर उन्होंने ‘जय जहाना’ आंदोलन की शुरुआत की.

जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार किया है युवाओं का समूह
स्थानीय मुद्दों पर संघर्ष के लिए ललित ने जहानाबाद डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया. जिले के युवाओं को प्रेरित किया और सेवा कार्यों से सभी को जोड़ते चले गये. राजाबाजार रेलवे अंडरपास के दोहरीकरण के लिए लगातार आंदोलन चलाया. एनएच-110 के लिए पदयात्रा की. वंचित वर्गों के छात्र-छात्राओं और सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करने वाले छात्रों के लिए मुफ्त में शिक्षा केंद्र चलाने के लिए ‘दो अक्षर’ संस्था का सहारा लिया. बेसहारा, जरूरतमंदों, दुर्घटनापीड़ितों की सहायता और आकस्मिक आपदाओं में मदद के लिए युवाओं का समूह तैयार किया है, जो एक सूचना पर सोशल मीडिया के माध्यम से सक्रिय होकर कहीं भी जुटते हुए मदद को दौड़ पड़ते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें