Bharat Ratna भूपेन हजारिका के बेटे तेज बोले- पिता के लिए सम्मान ग्रहण करना गर्व की बात, गलत मतलब निकाला गया

गुवाहाटी : जाने-माने गायक और संगीतकार दिवंगत भूपेन हजारिका के पुत्र तेज हजारिका ने कहा है कि उनके पिता को मिला भारत रत्न प्राप्त करने के लिए उन्हें सरकार का निमंत्रण मिल चुका है. इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को ग्रहण करना उनके लिए गर्व की बात है. वह भारत आकर यह सम्मान ग्रहण करेंगे. मालूम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2019 8:49 PM

गुवाहाटी : जाने-माने गायक और संगीतकार दिवंगत भूपेन हजारिका के पुत्र तेज हजारिका ने कहा है कि उनके पिता को मिला भारत रत्न प्राप्त करने के लिए उन्हें सरकार का निमंत्रण मिल चुका है. इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को ग्रहण करना उनके लिए गर्व की बात है. वह भारत आकर यह सम्मान ग्रहण करेंगे.

मालूम हो कि पहले भूपेन के बेटे तेज हजारिका ने सम्मान दिये जाने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाये थे. अब तेज ने कहा है कि 11 फरवरी को दिये गये उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया. बता दें कि तेज ने कहा था कि वह अपने पिता के लिए यह सम्मान तभी स्वीकार करेंगे, जब केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को वापस लेगी.

तेज हजारिका ने कहा है कि मेरे पिता ने पूरे त्याग और समर्पण के साथ निस्वार्थ भाव से भारत के लिए काफी काम किया है. अब उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, जिसके वह हकदार थे. मेरे पिता और उनके लाखों प्रशंसकों के लिए यह सम्मान ग्रहण करना मेरे लिए एक सपने जैसा खास है. अपने पिता की तरह ही मैं भी हर उस जगह पर रोशनी लाने की कोशिश करूंगा जहां पर अंधकार है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तेज हजारिका ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा है. तेज ने इस पत्र में लिखा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग 11 फरवरी को भारत रत्न के संबंध दिये गये मेरे बयान का गलत मतलब निकालकर मेरे विचारों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.

यहां यह जानना गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक का पूरे पूर्वोत्तर में जमकर विरोध किया गया. इसी संबंध में तेज हजारिका का बयान आया था कि वह अपने पिता के लिए भारत रत्न तभी स्वीकार करेंगे, जब सरकार इस बिल को वापस ले ले. हालांकि, संसद सत्र के आखिरी दिन भी इस बिल को राज्यसभा में पेश नहीं किया, जिसके चलते अब इसका लागू होना निश्चित नहीं है.

तेज हजारिका ने तब अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था – मेरा मानना है कि मेरे पिता के नाम का ऐसे समय इस्तेमाल किया गया, जब नागरिकता संशोधन विधेयक जैसे विवादित बिल को अलोकतांत्रिक तरीके से लाने की तैयारी की जा रही है. यह भूपेन साहब की उस विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है, जिसका उन्होंने हमेशा समर्थन किया.

वहीं, भूपेन हजारिका का परिवार इस पर एकमत नहीं है. हजारिका के भाई समर हजारिका ने कहा, यह तेज का निर्णय है, मेरा नहीं. मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न लेना चाहिए. वैसे भी इसमें बहुत देर हो चुकी है.

8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था. हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम के रहनेवाले थे. अपनी मूल भाषा असमिया के अलावाउन्होंने हिंदी, बांग्ला सहित कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाये. उन्होंने फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन’ गाया था. उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था. उनका निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ था.

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