Mogambo बनकर अमरीश पुरी की जगह ‘खुश होता’ यह एक्टर, इस वजह से हाथ से निकला रोल
मोगैंबो खुश हुआ! 1987 में आयी अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का यह माेनोलॉग आज भी बच्चे-बच्चे की जुबानपर है. फिल्म में मोगैंबो बने अमरीश पुरी भारी आवाज में जब ‘मोगैंबो खुश हुआ’ कहते थे, तो यह सोच कर कि यह विलेन अब कौन सा खूंखार कदम उठाएगा, एकाएक मन में सिहरन […]
मोगैंबो खुश हुआ! 1987 में आयी अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का यह माेनोलॉग आज भी बच्चे-बच्चे की जुबानपर है. फिल्म में मोगैंबो बने अमरीश पुरी भारी आवाज में जब ‘मोगैंबो खुश हुआ’ कहते थे, तो यह सोच कर कि यह विलेन अब कौन सा खूंखार कदम उठाएगा, एकाएक मन में सिहरन हो जाती थी.
कहना गलत नहीं होगा कि निर्माता बोनी कपूर और निर्देशक शेखर कपूर की इस सुपरहिट फिल्म ने फिल्म इंडस्ट्री में अमरीश पुरी को एक नामचीन विलेन के रूप में स्थापित कर दिया था.
अब जरा कल्पना कीजिए कि अगर यह रोल अमरीश पुरी की जगह किसी और ने निभाया होता तो कैसा होता? इस फिल्म की रिलीज के लगभग 31 साल बाद यह बात सामने आयी है कि मोगैंबो के किरदार के लिए अमरीश पुरी नहीं, अनुपम खेर पहली पसंद थे.
जी हां, पिछले दिनों अभिनेता अमरीश पुरी की 87वीं सालगिरह पर दुनियाभर में उन्हें याद किया गया. इसी दौरान अनुपम खेर ने भी अनोखे तरीके से इस अभिनेता को याद किया. उन्होंने बताया कि 1987 में आयी हिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ से जुड़ा एक रोचक किस्सा है. इस फिल्म में मोगैंबो के किरदार को अमर करने वाले अमरीश पुरी से पहले यह रोल उन्हें मिला था.
अनुपम खेर ने बताया कि मोगैंबो का किरदार पहले उन्हें ऑफर किया गया था लेकिन कुछ महीनों बाद उनकी जगह इस रोल के लिए अमरीश पुरी को रख लिया गया. अनुपम बताते हैं कि शुरू में तो उन्हें यह थोड़ा अजीब लगा, लेकिन जब उन्होंने अमरीश पुरी को उस रोल में देखा तो उन्हें समझ आ गया कि अमरीश पुरी ही इस रोल के लिए बेहतर चुनाव थे.
मालूम हो कि अमरीश पुरी और अनुपम खेर ने इसके बाद ‘त्रिदेव’, ‘राम लखन’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी हिट फिल्मों में साथ काम किया.
बतातेचलें कि अनुपम खेर ने ये बातें अपनी आनेवाली फिल्म ‘वन डे : जस्टिस डिलीवर्ड’ के प्रोमोशन के मौके पर बतायीं. इस फिल्म में अनुपम खेर के साथ ईशा गुप्ता हैं और यह फिल्म आगामी पांच जुलाई को रिलीज होगी.