मुंबई : अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचनाओं की शिकार बनीं अभिनेत्री शबाना आजमी ने आलोचकों को जवाब देते हुए धार्मिक चरमपंथियों पर निशाना साधा है. शबाना की इस टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना हो रही है कि अगर कोई सरकार की आलोचना करता है तो उसे राष्ट्रविरोधी कहा जाता है.
उन्होंने छह जुलाई को इंदौर में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए यह बात कही थी. अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी पर हो रहे हंगामे पर सवाल उठाये. शबाना ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामा? मुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं.
दीपा मेहता की फिल्म ‘वॉटर’ के लिए मेरा सिर मुंडवाने पर मेरे खिलाफ मुस्लिम चरमपंथियों ने फतवा जारी किया था जिस पर जावेद अख्तर का जवाब था ‘चुप रहो’.
उन्होंने कहा, मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि मेरे पिता कैफी आजमी ने उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के इस बयान के विरोध में कांग्रेस के केन्द्र की सत्ता में रहते अपना पद्म श्री सम्मान लौटा दिया था कि उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करने वालों का मुंह काला करके गधे पर घुमाना चाहिए.
शबाना ने शनिवार को किसी राजनीतिक दल या विचारधारा का नाम लिये बिना कहा था कि लोगों को राष्ट्रहित में अपने मन की बात बोलने से डरना नहीं चाहिए.
उन्होंने कहा था, अगर हम कमियों पर ध्यान नहीं देंगे तो स्थितियां कैसे सुधरेंगी? उन्होंने कहा था, लेकिन अब माहौल ऐसा है कि अगर आप विशेषकर सरकार की आलोचना करते हैं तो आपको तुरंत राष्ट्रविरोधी बता दिया जाता है. हमें इससे नहीं डरना चाहिए. उन्हें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.