मुंबई : अभिनेता बोमन ईरानी का कहना है कि वह व्यवसायिक सिनेमा की आलोचना नहीं करते हैं और उनका मानना है कि एक अभिनेता को संतुलित फिल्में करनी चाहिए. उसे कुछ फिल्में घर चलाने के लिए करनी होती हैं तो कुछ फिल्में अपने अंदर के कलाकार की संतुष्टि के लिए.
अभिनेता को ‘मुन्ना भाई’ श्रृंखला की फिल्मों, ‘3 इडियट्स’ और ‘पीके’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभाने के लिए जाना जाता है. वह ‘झल्की’ में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी की भूमिका में दिखेंगे.
ईरानी ने कहा कि वह व्यवसायिक सिनेमा की आलोचना नहीं करते हैं. यह बहुत अहम है कि लोग फिल्म देखने जाएं, सुकून का वक्त बिताएं और हंसें. उन्होंने कहा कि बिना व्यवसायिक सिनेमा के हम लोग छोटी फिल्में नहीं कर पाएंगे. ‘झल्की’ छोटी फिल्म नहीं है.
यह बड़ी फिल्म है क्योंकि इसका प्रभाव पड़ने की जरूरत है और इसका प्रभाव पड़ेगा. ईरानी ने कहा कि ‘झल्की’ फिल्म बाल श्रम, बच्चों की तस्करी पर केंद्रित है.
उन्होंने कहा, इस फिल्म का प्रभाव होगा. ऐसा नहीं होगा कि बाल श्रम कल खत्म हो जाएगा, लेकिन इससे जागरूकता आयेगी. ज्यादा लोगों को कैलाश सत्यार्थी के बारे में पता चलेगा. उन्होंने कहा, मैं सभी तरह की फिल्में करता हूं. कुछ फिल्में आप घर का खर्च चलाने के लिए करते हैं तो कुछ आत्मिक संतुष्टि के लिए.
फिल्में सिर्फ घर चलाने या सिर्फ आत्मिक संतुष्टिक के लिए करना सही नहीं है. ब्रह्मानन्द सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म की सह निर्देशक तनवी जैन हैं. इसमें तनिष्ठा चटर्जी, संजय सूरी और दिव्या दत्ता भी हैं. यह फिल्म 27 सितंबर को रिलीज होगी.