रांचीः साल के नौवें महीने का यह आठवां दिन इतिहास में बहुत सुरीली और शोख गायिका आशा भोसले के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है. आज 86 साल की हो गई हैं. उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में आशा ताई के नाम से बलाया जाता है. हजारों गीतों को अपनी आवाज से अमर बना देने वाली आशा भोसले को भारतीय सिने जगत की सर्वकालिक महान गायिकाओं में गिना जाता है.
आठ सितम्बर 1933 को जन्मी आशा ने 16 हजार से ज्यादा फिल्मी और गैर फिल्मी गीत गाये हैं. हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा में भी बहुत से गीत गाए हैं. आशा भोसले का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव सांगली में हुआ था. उन्हें शायद कभी इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उनकी आवाज को एक दिन सारी दुनिया सलाम करेगी.
अपना पहला गाना 1943 में 10 साल की उम्र में मराठी फिल्म ‘माझा बाला’ में ‘चला चला नव बाला…’ गा कर गायन कला की दुनिया में अपना कदम रखा था. बॉलीवुड में साल 1948 में हंसराज बहल की फिल्म चुनरिया का ‘सावन आया’ गाया था. साल 1997 में उस्ताद अली अकबर खान के साथ एक विशेष एल्बम के लिए ‘ग्रेमी अवार्ड’ के लिए नामांकित की गई.
आशा ताई को अब तक फिल्मफेयर अवार्ड में 7 बेस्ट फिमेल प्लेबैक पुरस्कारों से नवाजा गया है. उन्हें 2 राष्ट्रीय फिल्म पुस्कारों से भी सम्मानित किया गया है. आशा भोंसले को 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है.
वैसे तो आपने आशा ताई के कई सारे नगमें सुने होंगे लेकिन आज उनके जन्मदिन पर उनके गाए हुए कुछ नगमों में से उनके चुनिंदा नगमों को लेकर आए हैं, जो आज भी लोगों के जुबान पर रहता है.