मुंबई : अभिनेता संजय कपूर का कहना है कि कि वह बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी से बहुत खुश हैं. हाल में रिलीज फिल्म ‘मिशन मंगल’ और ‘लस्ट स्टोरीज’ में भूमिका निभाने वाले कपूर ने कहा कि वह आभारी हैं कि निर्माताओं ने उन्हें विविधताओं से भरे किरदारों को निभाने का मौका दिया.
कपूर ने एक साक्षात्कार में कहा, आप जीवनपर्यंत नायक नहीं रह सकते हैं. सभी को परिवर्तन के दौर से गुजरना पड़ता है जहां आपको चरित्र भूमिकाएं करनी होती हैं. ऐसे में यह विचार होना चाहिए कि आपका किरदार कितना प्रभावी और कहानी के केंद्र में है.
कपूर 1990 के दशक में आयी हिट फिल्मों ‘राजा’, ‘औजार’, ‘मोहब्बत’, ‘सिर्फ तुम’ आदि के हिस्सा रहे. बाद में वह 2003 में आयी फिल्म ‘कयामत : सिटी अंडर थ्रेट’, 2009 में आयी ‘लक बाइ चांस’ आदि फिल्मों में सहायक किरदार में दिखे. कपूर की इस साल दूसरी फिल्म ‘जोया फैक्टर’ प्रदर्शित हुई है, जिसमें उनकी भतीजी सोनम कपूर मुख्य भूमिका में है.
53 वर्षीय अभिनेता ने कहा, मैं आज अधिक सुरक्षित महसूस करता हूं. एक अभिनेता के रूप में मुझे अधिक विविधता वाले किरदार मिल रहे हैं. मैं इस अवसर के लिए आभारी हूं चाहे वह फिल्मों में हो या वेब शृंखला में.
कपूर अपनी बेटी शानया के फिल्म उद्योग में आने को लेकर उत्साहित हैं. शानया करण जौहर प्रोडक्शन के तहत गुंजन सक्सेना की जिंदगी पर बन रही फिल्म में सहायक निर्देशक के तौर पर काम कर रही हैं. इस फिल्म में उनकी भतीजी जाह्नवी कपूर मुख्य भूमिका में है.
उन्होंने कहा, वह सीख रही है. वह अभिनय, नृत्य और भाषा की कक्षाएं ले रही है. हमारे परिवार में शानया ने अपने चाचा और चचेरे भाइयों-बहनों को करीब से देखा है. वह मेहनत का महत्व जानती है. आप चाहे किसी की भी बेटी या भतीजी हों लेकिन आखिर में आपका समर्पण ही आपको आगे लेकर जाएगा.