कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां के दुर्गा पूजा उत्सव में शामिल होने की आलोचना एक मुस्लिम धर्म गुरु ने की है. उनका कहना है कि सांसद को अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए, क्योंकि वह अपने कार्यों से ‘इस्लाम और मुस्लिमों को बदनाम’ कर रही हैं. बशीरहाट से पहली बार सांसद निर्वाचित हुईं नुसरत जहां शादी के बाद से हिंदू प्रतीकों जैसे ‘मंगलसूत्र’ और ‘सिंदूर’ का इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने इस साल उद्यमी निखिल जैन से शादी की है.
#WATCH Kolkata: Trinamool Congress MP Nusrat Jahan dances as husband Nikhil Jain plays the 'dhak' at Suruchi Sangha. #DurgaPuja2019 pic.twitter.com/QIZWJSmx30
— ANI (@ANI) October 6, 2019
दारुल उलूम देवबंद से जुड़े मुफ्ती असद कासमी ने टीवी समाचार चैनलों से कहा, ‘यह नया नहीं है. वह हिंदू देवी-देवताओं की पूजा कर रहीं थीं, जबकि इस्लाम में मुसलमानों को सिर्फ ‘अल्लाह’ की इबादत करने का आदेश है. उन्होंने जो किया वह हराम (पाप) है. उन्होंने अपने धर्म से बाहर शादी की है. उन्हें अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए. इस्लाम में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है, जो मुस्लिम नाम रखें और इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करें.’
रविवार को साड़ी में नजर आयीं नुसरत जहां ने सुरुचि संघ में अपने पति के साथ दुर्गा पूजा उत्सव में हिस्सा लिया. एक पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के दौरान नुसरत ने भी उसका जाप किया. टीवी चैनलों पर यह दृश्य दिखाया गया. इस दौरान वह पूजा वाली मुद्रा में थीं. उन्होंने यहां ढोल बजाया और नृत्य किया. बाद में नुसरत जहां ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने सभी की शांति और समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना की.
नुसरत जहां ने कहा, ‘हम बंगाल में सभी त्योहारों को उत्साह से मनाते हैं. मुझे हमेशा किसी उत्सव का हिस्सा बनना अच्छा लगता है.’ जब उनसे दुर्गा पूजा में हिस्सा लेने पर ताजा विवाद पैदा होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह विवादों के बारे में नहीं सोचतीं. देवबंद के मौलाना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इशरत जहां सिंदूर, बिंदी और मंगल सूत्र जैसे हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि इस्लाम इन चीजों से किसी को नहीं रोकता है. इसमें कोई दिक्कत नहीं है.