अयोध्या मामले पर नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी क्यों नहीं चाहते पुनर्विचार याचिका?
नयी दिल्ली : अभिनेता नसीरुदुद्दीन शाह एवं शबाना आजमी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने अयोध्या पर आये उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया है. इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार दायर करने के फैसला विवाद को […]
नयी दिल्ली : अभिनेता नसीरुदुद्दीन शाह एवं शबाना आजमी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने अयोध्या पर आये उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया है.
इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार दायर करने के फैसला विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम कौम को नुकसान पहुंचाएगा.
पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध करने वाले बयान पर दस्तखत करने वालों में इस्लामिक विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, पत्रकार, कारोबारी, शायर, अभिनेता, फिल्मकार, थिएटर कलाकार, संगीतकार और छात्र शामिल हैं.
बयान में बताया गया है- हम इस तथ्य पर भारतीय मुस्लिम समुदाय, संवैधानिक विशेषज्ञों और धर्मनिरपेक्ष संगठनों की नाखुशी को साझा करते हैं कि देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना निर्णय करने के लिए कानून के ऊपर आस्था को रखा है.
बयान में कहा गया है कि इस बात से सहमति रखते हैं कि फैसला न्यायिक रूप से त्रुटिपूर्ण है लेकिन हमारा मजबूती से मानना है कि अयोध्या विवाद को जीवित रखना भारतीय मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा और उनकी मदद नहीं करेगा.
बयान पर दस्तखत करने वालों में शाह, आजमी, फिल्म लेखक अंजुम राजबली, पत्रकार जावेद आनंद समेत अन्य शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित 2.77 एकड़ भूमि को रामलला विराजमान को दे दी.
पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी देने का आदेश दिया.
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) ने शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय किया है.