मुंबई : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालयों के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की बाॅलीवुड के प्रख्यात लोगों ने निंदा की है और सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि यह छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास है.
हजारों छात्र सड़क पर उतर गए हैं और जामिया विवि के पुस्तकालय में आंसू गैस के गोले छोड़े जाने तथा प्रशासन की अनुमति के बगैर रविवार को परिसर में पुलिस के प्रवेश के मामले की जांच की मांग की है. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जामिया मिल्लिया विवि रविवार को युद्ध मैदान में तब्दील हो गया था क्योंकि पुलिस ने परिसर में प्रवेश कर बल प्रयोग किया था.
सोशल मीडिया पर जहां इस मामले में बॉलीवुड के शीर्ष सितारे, निर्देशक और निर्माता चुप रहे वहीं कई ऐसे भी थे जिन्होंने विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया. इस साल अगस्त में ट्विटर छोड़ने वाले निर्देशक अनुराग कश्यप अपनी आवाज मुखर करने के लिए वापस सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर लौटे. छात्रों के विरोध को जिस प्रकार से रोका, गया उनका विरोध उसके लिए था. उन्होंने ट्वीट किया, यह बहुत आगे चला गया है…. (मैं) अब और चुप नहीं बैठ सकता हूं. यह सरकार स्पष्ट रूप से फासीवादी है.
अभिनेत्री तापसी पन्नू ने कहा कि परिसर के अंदर पुलिस कार्रवाई का वीडियो व्यथित करने वाला है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, आश्चर्य है कि यह एक शुरुआत या अंत है. चाहे जो भी हो, निश्चित तौर पर इससे कानून के नये नियम लिखे जा रहे हैं, जो इसमें फिट नहीं है वह बहुत अच्छे से इसका परिणाम देख सकता है. इस वीडियो ने सबका दिल और उम्मीद एक साथ तोड़ा है. अपरिवर्तनीय क्षति, और मैं सिर्फ जीवन और संपत्ति के बारे में बात नहीं कर रही हूं.
निदेशक सुधीर मिश्र ने ट्वीट किया, 1987 में मैंने एक फिल्म बनायी थी. उसका नाम ‘ये वो मंजिल तो नहीं’ था. यह फिल्म छात्र पृष्ठभूमि पर आधारित थी. क्लाइमेक्स में, पुलिस परिसर में प्रवेश करती है और छात्रों की जमकर पिटाई करती है. कुछ नहीं बदला है. यह भयानक है कि अब हम जानते हैं कि फूल का क्या हुआ. कुचल दिया गया.
फिल्म निर्मात्री कोंकणा सेन शर्मा ने कहा, हम लोग छात्रों के साथ हैं. दिल्ली पुलिस आपको शर्म आनी चाहिए.
हाॅलीवुड स्टार जान क्यूसैक ने भी सोशल मीडिया पर वायरल परिसर के अंदर के वीडियो का संज्ञान लिया. उन्होंने पहले प्रदर्शन का संदर्भ पूछा और लिखा, दिल्ली से खबरे हैं – कल रात यह युद्ध क्षेत्र था – फासीवाद कोई मजाक नहीं है. हम समझ के साथ शब्द का इस्तेमाल करते हैं, यह घातक है.
इसके अलावा अभिनेत्री सयानी गुप्ता, राजकुमार राव, दक्षिण के अभिनेता सिद्धार्थ, अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब, लेखक कॉमेडियन वरुण ग्रोवर, अभिनेता अली फैजल, स्वरा भास्कर, रिचा चड्ढा समेत कई लोगों ने इसकी आलोचना की.