Chhapaak को लेकर सोशल मीडिया पर नया विवाद, यूजर्स ने पूछा- एसिड फेंकने वाले का नाम नदीम था या राजेश?
नयी दिल्ली : जेएनयू परिसर में हमले का शिकार हुए छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के कारण चर्चा के केंद्र में रहीं अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ अपने खलनायक के नाम को लेकर बुधवार को भी चर्चा में छाई रही. छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को जेएनयू जाने के कारण दीपिका […]
नयी दिल्ली : जेएनयू परिसर में हमले का शिकार हुए छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के कारण चर्चा के केंद्र में रहीं अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ अपने खलनायक के नाम को लेकर बुधवार को भी चर्चा में छाई रही.
छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को जेएनयू जाने के कारण दीपिका सोशल मीडिया और इससे इतर कई बहसों के केंद्र में रहीं, हालांकि फिल्म अभी किसी और कारण से सुर्खियों में है. दीपिका की यह फिल्म तेजाब हमले की पीड़ित लक्ष्मी अग्रवाल पर आधारित है.
एक पत्रिका के लेख में लक्ष्मी पर तेजाब हमला करने के आरोपी का नाम बदले जाने के दावे के बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ‘नदीम खान’ और ‘राजेश’ ट्रेंड करने लगे. शाम चार बजे तक ‘नदीम खान’ के लिए 60,000 ट्वीट पड़े जबकि ‘राजेश’ पर 50,000 ट्वीट पड़े.
2005 में दिल्ली के खान मार्केट में लक्ष्मी पर नदीम खान और तीन अन्य ने कथित रूप से तेजाब फेंक दिया था. उनके जीवन पर आधारित फिल्म की कहानी वही है लेकिन किरदारों के नाम बदल दिये गए हैं. जैसे लक्ष्मी का नाम बदलकर ‘मालती’ अग्रवाल और नदीम का नाम ‘बब्बू’ उर्फ ‘बशीर खान’ कर दिया गया है. बुधवार को स्वराज्य पत्रिका ने अपने लेख का शीर्षक दिया, ‘बॉलीवुड के तरीके : दीपिका पादुकोण अभिनीत छपाक में तेजाब हमलावर नईम खान बना ‘राजेश’. लेख में आरोप लगाया गया कि पादुकोण के जेएनयू जाकर मिलने के विरोध में सोशल मीडिया यूजर ने जब फिल्म ‘छपाक’ में किरदारों के नाम खंगाले तो विवादास्पद ढंग से मुख्य आरोपी नईम खान का नाम उन्हें नदारद दिखा. मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म में न तो नदीम और न ही नईम खान के नाम का जिक्र है जबकि ‘राजेश’ फिल्म में मालती के प्रेमी का नाम है.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस विवाद में कूदते हुए कहा ‘पाखंड’ का यह एक और उदाहरण है. विवाद के बारे में पूछे जाने पर सुप्रियो ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘…जब आप कहते हैं कि सभी किरदार काल्पनिक हैं और इनकी किसी जीवित व्यक्ति से कोई समानता नहीं है, यह पूरी तरह से पाखंड है. जब आपने नाम बदल दिया और धर्म भी बदल दिया, तो इसे जानबूझकर ही किया गया है.’
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने फिल्म के बहिष्कार का आह्वान किया है. जेएनयू में जाने के कारण दीपिका ने लोगों का ध्यान खींचा. कई लोग ‘शांतिपूर्ण तरीके से एकजुटता दिखाने’ के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं तो कई अन्य ‘वामपंथियों का समर्थन करने के लिए’ उनकी आलोचना कर रहे हैं और इसे फिल्म रिलीज से पहले प्रचार का हथकंडा बता रहे हैं. ट्विटर पर ‘बायकॉट छपाक’ के साथ ‘आई सपोर्ट दीपिका’ भी ट्रेंड कर रहा है.