‘तान्हा जी: द अनसंग वॉरियर’ में अपनी जानदार एक्टिंगसे हर तरफवाहवाहीबटोर रहे सैफ अली खान ने फिल्म को लेकर इंटरव्यू में कहा है, लोग कहते हैं कि यही इतिहास है पर मुझे नहीं लगता, ऐसा है… मैं इतिहास जानता हूं.
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि अंग्रेजों से पहले भारत देश का कोई कॉन्सेप्ट था. बकौल सैफ, इसमें दिखाई राजनीतिक परिस्थितियां ऐतिहासिक तौर पर ‘सही नहीं’ हैं.
फिल्म के किरदार को लेकर सैफ ने कहा कि उन्हें उदयभान राठौर का किरदार बहुत आकर्षक लगा था, इसलिए वह इसे छोड़ नहीं पाए, लेकिन इसमें पॉलिटिकल नैरेटिव बदला गया है और वो खतरनाक है.
साथ ही सैफ ने यह भी माना, कुछ वजहों से मैं कोई स्टैंड नहीं ले पाया, शायद अगली बार ऐसा करूं. मैं इस किरदार को लेकर बहुत उत्साहित था क्योंकि मुझे बहुत ही आकर्षक लगा था. लेकिन यह कोई इतिहास नहीं है. इतिहास क्या है इसके बारे में मुझे बखूबी पता है.
सैफ ने आगे कहा, हम इसे लेकर कोई तर्क नहीं दे सकते. यह दुर्भाग्य ही है कि कलाकार उदारवादी विचार की वकालत करते हैं लेकिन वो लोकप्रियतावाद से बाज नहीं आते.
यह अच्छी स्थिति नहीं है लेकिन सच्चाई यही है. सैफ ने ‘तानाजी…’ में इतिहास की गलत व्याख्या की बात स्वीकारते हुए कहा कि किसी भी फिल्म की व्यावसायिक सफलता में इतिहास की गलत व्याख्या को उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
बताते चलें कि अजय देवगन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म ‘तानाजी- द अनसंग वॉरियर’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है. वहीं, लोग फिल्म में अजय और सैफ के किरदार को काफी पसंद भी कर रहे हैं.
इस फिल्म से अजय देवगन पहली बार किसी पीरियॉडिक ड्रामा का हिस्सा बने हैं. इसके साथ ही काफी लंबे समय के बाद अजय देवगन और काजोल की जोड़ी एक बार फिर से बड़े पर्दे पर दिखाई दी है. गौरतलब है कि सैफ ने यह बात तब कही जब वह खुद फिल्म में अजय और काजोल का साथ देने के लिए विलेन का किरदार निभा रहे हैं.