Interview : शहनाज को भी देना चाहूंगा जीत का श्रेय – सिद्धार्थ शुक्ला
अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला बिग बॉस 13 के विजेता बन गये हैं. उन्हें ट्रॉफी और 50 लाख कैश प्राइज मिला है. 140 दिनों के इस सफर को सिद्धार्थ चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. वह कहते हैं कि वह जीतना चाहते थे और जीत गये. इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. पेश है उर्मिला कोरी से उनकी […]
अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला बिग बॉस 13 के विजेता बन गये हैं. उन्हें ट्रॉफी और 50 लाख कैश प्राइज मिला है. 140 दिनों के इस सफर को सिद्धार्थ चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. वह कहते हैं कि वह जीतना चाहते थे और जीत गये. इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. पेश है उर्मिला कोरी से उनकी बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल : बिग बॉस का विनर बनना किस तरह से इसे देखते हैं?
जवाब : बिग बॉस की ट्रॉफी को मैं अपने कैरियर में एक अचीवमेंट की तरह देखता हूं. बिग बॉस भारत का सबसे बड़ा रियलिटी शो है. आप इससे अधिक रियल नहीं हो सकते. शुरूआत में मुझे यकीन नहीं था कि मैं इस तरह के शो में रह पाऊंगा. घर के अंदर जिस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, वह आसान नहीं होता है. लेकिन मैं खुश हूं जिस तरह से यह शो मेरे लिए खत्म हुआ. अच्छा लग रहा है. अपने कैरियर पर अब फोकस करुंगा. अच्छे ऑफर्स की उम्मीद है.
सवाल : घर के अंदर रहते हुए क्या सीख आपको मिली?
जवाब : मैं और ज्यादा धैर्यवान बना हूं. वैसे हमेशा से ही मुझमें धैर्य रहा है. मैं उस तरह का इंसान नहीं हूं, जो हमेशा सबसे उलझ पड़े. सबके बारे में पीठ पीछे बुरा बोले. मैंने कई बार सिचुएशन को कंट्रोल करने की कोशिश की लेकिन कई बार मैं खुद पर कंट्रोल भी नहीं रख पाया.
सवाल : आप भले ही खुद को धैर्यवान कहें लेकिन घर में रहते हुए आपके झगड़ों की चर्चा खूब हुई?
जवाब : मैं वास्तविक जीवन में यही हूं. मुझे नहीं पता कि शो में मैं कैसे आया हूं और खिताब जीतने के बाद लोग मुझे कैसे देखेंगे, लेकिन मैं खुद को नहीं बदल सकता. घर के अंदर मैंने कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया है और जो भी प्रतिक्रिया थी, वो काफी स्वाभाविक थी. घर के अंदर मैंने कई मजेदार पल भी बिताये, लेकिन दुखद है कि सिर्फ मेरी आक्रामकता चर्चा का विषय बना.
सवाल : आपके खिलाफ कई आरोपों में से एक आरोप ये भी है कि जब आप बिग बॉस के घर से बीमार होने की वजह से बाहर थे, तब आपको आपका मोबाइल फोन दिया गया था?
जवाब : यह बिल्कुल गलत है. उस वक्त जो नर्सें मेरे पास आती थीं, वे घड़ियां नहीं पहनती थीं, ताकि मुझे पता न चले कि दिन है या रात. उस वक्त भी मुझे समय का पता नहीं था. मैंने अपना जन्मदिन केवल डॉक्टरों के साथ मनाया. ऐसा मेरी जिंदगी में पहली बार हुआ था. एक बार जब मैं ठीक हो गया तो मैं तुरंत बिना किसी ब्रेक के बिग बॉस के घर के अंदर चला गया, हालांकि मुझे पूरी तरह से ठीक होने में कुछ समय लगा था.
सवाल : आप घर में सबसे कम काम करते भी नजर आये?
जवाब : शुरुआत के एक महीने तक सब्जियों को काटने का मेरा काम था, क्योंकि मैं वही कर सकता था. मुझे दूसरे काम नहीं आते थे. मुझे खाना बनाना नहीं आता है. कुछ समय बाद लोगों ने मुझे वह काम देना भी बंद कर दिया. उससे मुझे कोई दिक्कत भी नहीं थी क्योंकि मैं वैसा इंसान भी नहीं हूं जो काम करने के लिए मर रहा था. उसके बाद चुने हुए कप्तान हमें काम देते थे. मैं लकी था ज्यादातर समय मैं विजेता टीम का हिस्सा हुआ करता था, और कप्तान मुझे हल्का फुल्का ही काम देते थे.
सवाल : शहनाज और आपकी खास दोस्ती क्या शो के लिए थी?
जवाब : अपने फायदे के लिए मैं किसी का इस्तेमाल नहीं करता हूं. जो लोग ऐसा करते हैं, मैं उन्हें पसंद नहीं करता हूं. सीड और नाज खबरों में थे क्योंकि हमारी बॉन्डिंग वास्तविक थी. घर के अंदर हमारे झगड़े भी होते थे लेकिन एक कनेक्शन हमेशा से था. पिछले पांच महीनों में मेरी बिग बॉस में जो भी जर्नी रही उसके लिए मैं शहनाज को भी श्रेय देना चाहूंगा. वह घर के अंदर मेरे लिए खुशी का फैक्टर थी. वह मुझे गेम से दूर रखती थी. मैं ऐसा इंसान हूं जो बहुत सोचता हूं. घर में होने वाली हर घटना को लेकर मैं सोचता रहता था, लेकिन उसकी मौजूदगी ने मुझे इन सब से दूर रहने में मदद की.
सवाल : क्या आप उसके साथ अपनी दोस्ती जारी रखेंगे?
जवाब : हां, जरूर लेकिन एक हकीकत ये भी है कि हम अपने काम और जीवन में व्यस्त हो जायेंगे.