32 Years of Junoon:आजकल हॉरर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त धूम मचा रही हैं. हर तरफ एक से बढ़कर एक डरावनी फिल्में रिलीज हो रही हैं. कुछ फिल्में भूत-प्रेत की कहानियों पर बेस्ड होती हैं, तो कुछ साइकोलॉजिकली डरावनी होती हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर फिल्मों में असली डर वाली बात नहीं होती. ज्यादातर लोग पुरानी हॉरर फिल्मों को मिस करते हैं क्योंकि उनमें असली सस्पेंस और थ्रिल होता था.
जुनून डर की एक तस्वीर
आज हम एक ऐसी फिल्म की बात कर रहे हैं, जिसने 32 साल पहले सभी को डर से कांपने पर मजबूर कर दिया था. 1992 में रिलीज हुई राहुल रॉय और पूजा भट्ट की जुनून आज भी बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन हॉरर फिल्मों में से एक मानी जाती है. यह फिल्म सिर्फ डरावनी नहीं, बल्कि एक ऐसे कांसेप्ट पर बनी थी जो अपने समय से काफी आगे था. आइए जानते हैं, क्यों जुनून आज भी हमें रोंगटे खड़े कर सकती है.
1. बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार हिट
जुनून ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. फिल्म का कांसेप्ट और स्पेशल इफेक्ट्स उस समय के हिसाब से बेहद शानदार थे. ये फिल्म महेश भट्ट द्वारा निर्देशित थी, जो उस समय के सबसे बड़े निर्देशकों में से एक थे. उन्होंने राहुल रॉय को आशिकी के लवर बॉय से एक खतरनाक शख्सियत में बदल दिया, जो हर पूर्णिमा की रात बाघ बन जाता था.
2. राहुल रॉय का खौफनाक अवतार
राहुल रॉय ने इस फिल्म में एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया, जिसे एक शाप मिला हुआ था. हर पूर्णिमा की रात वो इंसान से बाघ में बदल जाता था. उनके बाघ में बदलने का सीन आज भी उतना ही डरावना लगता है. फिल्म की स्पेशल इफेक्ट्स और मोर्फिंग टेक्नोलॉजी उस समय के हिसाब से बहुत एडवांस थी, जिसने इस फिल्म को और भी डरावना बना दिया था.
3. पूजा भट्ट की शानदार परफॉर्मेंस
फिल्म में पूजा भट्ट ने विक्रम की पत्नी का किरदार निभाया है, जो राहुल रॉय के किरदार विक्रम के शाप से अनजान थी. उनकी एक्टिंग इतनी दमदार थी कि जब विक्रम का शाप एक्टिवेट होता है, तो उनकी बेबसी और डर आपको भी अंदर तक हिला देता है.
4. विक्रम का श्राप और उसका असर
विक्रम की कहानी सिर्फ एक श्रापित इंसान की नहीं थी, बल्कि एक ऐसी लव स्टोरी थी, जिसमें विक्रम अपनी पत्नी के लिए खतरनाक बनने के बावजूद उससे दूर नहीं जा सकता था. वो जानता था कि वो सबके लिए खतरा है, लेकिन फिर भी उसने अपने श्राप को स्वीकार कर लिया था. ये सच्चे प्यार और डरावने राक्षस के बीच की एक बेहद खतरनाक कहानी थी.
5. स्पेशल इफेक्ट्स और मोर्फिंग का जादू
फिल्म में राहुल रॉय का इंसान से बाघ में बदलने का सीन आज भी काफी इम्प्रेसिव लगता है. उस समय इस तरह की मोर्फिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बहुत कम फिल्मों में होता था.जब आप देखते हैं कि कैसे विक्रम की उंगलियां पंजों में बदलती हैं और उसके चेहरे पर मूंछें उग आती हैं, तो आपकी धड़कनें रुक जाती हैं.
6. जुनून के गाने भी थे ऑन पॉइंट
एक खास बात ये थी कि फिल्म के गाने भी कहानी में पूरी तरह से फिट होते थे. ये कोई आम हॉरर फिल्म नहीं थी, बल्कि इसमें गानों का भी अपना महत्व था. गाने न सिर्फ मनोरंजन कर रहे थे, बल्कि फिल्म की कहानी को भी आगे बढ़ा रहे थे.
हॉरर का असली मजा
आजकल की हॉरर फिल्मों में वो दम नहीं है, जो जुनून में था. ये फिल्म भले ही 32 साल पुरानी हो, लेकिन इसका डर आज भी लोगों को सताता है. फिल्म की कहानी, एक्टिंग, और इफेक्ट्स इसे एक क्लासिक हॉरर फिल्म बनाते हैं, जिसे आज भी देखने पर आपकी रातें खराब हो सकती हैं. तो अगर आपने अब तक जुनून नहीं देखी है, तो इसे देखिए और जानिए कि असली डर क्या होता है.
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