शोले: 1975 का एक क्लासिक फिल्म
49 years of sholay: 15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई फिल्म ‘शोले’ बॉलीवुड की सबसे बड़ी और यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, अमजद खान, संजीव कुमार, हेमा मालिनी, और जया बच्चन जैसे दिग्गज कलाकारों ने मुख्य भूमिकाए निभाईं थीं. फिल्म की कहानी, डायलॉग्स और किरदार इतने फेमस हुए कि ‘शोले’ एक कल्ट क्लासिक बन गई. गब्बर सिंह के किरदार में अमजद खान ने जो छाप छोड़ी, वह आज भी दर्शकों के दिलों में ताजा है.
गब्बर सिंह का मजेदार स्पूफ: ‘मच्छर सिंह’
‘शोले’ की जबरदस्त लोकप्रियता के बाद, 1984 में आई फिल्म ‘पुराना मंदिर’ में गब्बर सिंह के किरदार पर एक मजेदार स्पूफ बनाया गया. इस स्पूफ में अभिनेता जगदीप, जो ‘शोले’ में ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभा चुके थे, ने ‘मच्छर सिंह’ का किरदार निभाया. यह स्पूफ फिल्म ‘पुराना मंदिर’ में देखने को मिला, जो रामसे ब्रदर्स की एक हॉरर फिल्म थी.
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मच्छर सिंह और फिल्म ‘पुराना मंदिर’ का कनेक्शन
‘पुराना मंदिर’ एक हॉरर फिल्म थी, लेकिन उसमें मच्छर सिंह का किरदार कॉमेडी के रंग भरने के लिए डाला गया था. मच्छर सिंह का किरदार गब्बर सिंह का एक हल्का-फुल्का मजाक था, जिसमें मच्छर सिंह की भूमिका को एक डाकू के रूप में दिखाया गया, जो लगातार बसंती के पीछे घूमता रहता है. इस स्पूफ में ठाकुर को ‘मुर्दार सिंह’ और बसंती को एक अलग अंदाज में दिखाया गया.
जगदीप का बेमिसाल प्रदर्शन
जगदीप ने इस स्पूफ में ‘मच्छर सिंह’ का किरदार निभाकर दर्शकों को खूब हंसाया. मच्छर सिंह का किरदार भले ही गब्बर सिंह जैसा डरावना नहीं था, लेकिन उसकी मस्तीभरी हरकतों ने लोगों को खूब गुदगुदाया..मच्छर सिंह के सिर पर ₹15,000 का इनाम था, और वह बसंती के इर्द-गिर्द मच्छर की तरह मंडराता रहता था.
स्पूफ का प्रभाव और यादें
यह स्पूफ उस समय के समाज की कुछ कड़वी सच्चाइयों को हल्के अंदाज में पेश करता है, जैसे कि महिलाओं का पीछा करना और मजाक उड़ाना. हालांकि, इस स्पूफ ने दर्शकों के बीच खूब हंसी-ठिठोली मचाई.मच्छर सिंह का किरदार और उसकी कहानी आज भी ‘शोले’ के फैंस के बीच चर्चा का विषय बनी रहती है.
शोले की यादों में जीवित है ये स्पूफ
‘शोले’ जैसी महान फिल्म पर बना यह स्पूफ उस समय के दर्शकों के लिए एक अनोखा एक्सपीरियंस था. यह स्पूफ न केवल एंटरटेनमेंट का सोर्स था, बल्कि ‘शोले’ की महानता को एक नए पॉइंट ऑफ व्यू से पेश करने का प्रयास भी था. आज, 49 साल बाद भी, यह स्पूफ ‘शोले’ की विरासत का एक हिस्सा बना हुआ है.