लोकगीत गायक मामे खां ने विशेष बातचीत में कहा, विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं
रांची : लोकगीत की परंपरा 14-15 पीढ़ियों से चली आ रही है. उसी लय में मैं भी चल पड़ा हूं. पिता उस्ताद राणे खां मेरे गुरु रहे हैं. आज मैं अपनी पीढ़ियों द्वारा दी हुई विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं. इच्छा है कि मेरे बाद इस परंपरा को कायम रखें. कई जगहों पर लोगों […]
रांची : लोकगीत की परंपरा 14-15 पीढ़ियों से चली आ रही है. उसी लय में मैं भी चल पड़ा हूं. पिता उस्ताद राणे खां मेरे गुरु रहे हैं. आज मैं अपनी पीढ़ियों द्वारा दी हुई विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं. इच्छा है कि मेरे बाद इस परंपरा को कायम रखें. कई जगहों पर लोगों ने मुझे कई नाम दिये, लेकिन लोगों से आग्रह है कि मुझे फोक स्टार के रूप में ही जानें. यह कहना है कि राजस्थान के लोक गीत गायक मामे खां का. वे गुरुवार को प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बोल रहे थे.
देश-विदेशों में अपनी आवाज का लोहा मनवाने वाले मामे खां ने कहा कि लोकगीत व सूफी मेरे अंदर रच बस गयी है. उन्होंने कई फिल्मों में अपनी आवाज दी हैं. कुछ दिनों पहले शंकर महादेवन के साथ सिंगापुर में कंसर्ट किया. मामे खां कहते हैं कि 26 सितंबर को डेजर्ट एलबम रिलीज हो रही है. 29 सितंबर को ऑन एयर हो जायेगा. वहीं क्राउड फंड से एलबम के लिए पैसे जुटाये. हमलोंगों ने एक माह का समय रखा था, लेकिन 25 दि नों में ही काफी पैसे हो गये. मामे खां राजस्थानी के अलावा उर्दू, हिंदी, पंजाबी, ब्रज, सिंधी भाषा के भी जानकार हैं. विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं युवा सूफी के प्रति रुचि दिखा रहे हैं.
एक सवाल के जवाब में बताया कि आज के युवा सूफी के प्रतिरुचि दि खा रहे हैं. इसलिए सरकार को चाहिए की युवा कलाकारों को मौका दें, ताकि लोग अपनी संस्कृति व लोकगीत को जान सकें. कई युवा कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने लोकगीत को बॉलीवुड में पहचान दिलायी. जब हमारे राज्य में ऐसे युवा हैं तो हम दूसरों की आवाज को क्यों सुनें. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने लोकनृत्य को सपोर्ट करें. फोक गीत को बोझि ल न बनायें. आज रियेलिटी शो के जरिये कई कलाकार उभर कर सामने आ रहे हैं यह अच्छी बात है.