सेंसर बोर्ड के कामकाज के बारे में अमिताभ बच्चन ने दी प्रतक्रिया
मुंबई: महानायक अमिताभ बच्चन ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) या सेंसर बोर्ड के हाल के फैसलों को लेकर छिड़ी बहस से खुद को दूर रखते हुए कहा कि सेंसर बोर्ड सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार काम करता है.सेंसर बोर्ड और खासकर उसके प्रमुख पहलाज निहलानी अपने फैसलों को लेकर विवादों में हैं. ये […]
मुंबई: महानायक अमिताभ बच्चन ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) या सेंसर बोर्ड के हाल के फैसलों को लेकर छिड़ी बहस से खुद को दूर रखते हुए कहा कि सेंसर बोर्ड सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार काम करता है.सेंसर बोर्ड और खासकर उसके प्रमुख पहलाज निहलानी अपने फैसलों को लेकर विवादों में हैं. ये विवाद 28 प्रतिबंधित शब्दों की एक सूची का प्रस्ताव देने, ‘एनएच 10′, ‘दम लगा के हईशा’ और ‘एंग्री इंडियन गॉडेसेज’ जैसी फिल्मों के सीन काटने की मांग या जेम्स बांड सीरिज की फिल्म ‘स्पेक्टर’ के चुंबन दृश्य की लंबाई कम करने से जुडे हैं.
एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि सेंसर बोर्ड के काम के तरीके से क्या वह एक कलाकार के तौर पर घुटन महसूस करते हैं, अमिताभ ने कहा, ‘‘मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. मुझे नहीं पता कि यह सही है या गलत। वे सभी सरकार द्वारा निर्धारित कुछ नियमों के अनुसार काम करते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार को लगता है कि इसकी मंजूरी दी जानी चाहिए या इसे काटा जाना चाहिए तो (सेंसर) बोर्ड उसका पालन करता है.” 73 साल के अभिनेता ने कहा कि बोर्ड की कांट छांट से सहमत ना होने पर लोग उसे चुनौती दे सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप फैसले से सहमत नहीं हैं तो आप कई मंचों पर अपनी लडाई लड सकते हैं. यह कानूनी व्यवस्था की तरह है. आप सहमत नहीं हैं तो आप आयोग में, न्यायाधिकरण स्तर पर जा सकते हैं और तब भी सहमत नहीं हैं तो आप उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं. आप इसके बाद उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं.” सरकार द्वारा सेंसर बोर्ड को नया रुप देने के लिए प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बनेगल के नेतृत्व में गठित नई समिति के बारे में पूछे जाने पर अमिताभ ने कहा, ‘‘जो भी नियम निर्धररित होते हैं, हमें उनका पालन करना होगा.’