गुवाहाटी : इसलामी धर्मगुरुओं के एक समूह ने ‘फतवा’ जारी कर असम की प्रतिभाशाली गायिका और 2015 के इंडियन आइडल जूनियर की उपविजेता नाहिद आफरीन को किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने से मना किया है. हालांकि, इससे बेपरवाह नाहिद ने बुधवार को कहा कि वह ऐसी किसी भी धमकियों और फतवे से डरनेवाली नहीं है. संगीत मेरे लिए खुदा की देन है और मुझे संगीत खुदा से तोहफे के तौर पर मिला है. इसलिए मुझसे जितना हो सकता है, मैं अपना संगीत जारी रखूंगी.
दसवीं की छात्रा नाहिद (16) को 25 मार्च को असम के नागांव जिले के लंका इलाके के एक कॉलेज में आयोजित संगीत कार्यक्रम में हिस्सा लेना है, लेकिन असम के 46 उलेमाओं ने फतवा जारी कर इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा है. फतवे में कहा गया है कि यह कार्यक्रम ‘शरिया के विरुद्ध’ है. ‘फतवा’ के बारे में जानकारी मिलने पर नाहिद की आंखें भर आयीं और उसके मम्मी-पापा को भी धक्का लगा.
उन्होंने कहा कि फतवे के बारे में सुन कर मैं पूरी तरह टूट गयी थी. एक-दो मिनट के लिए मुझे ऐसा लगा कि शायद मुझे संगीत छोड़ना पड़े, लेकिन मैं गाना नहीं छोड़ूंगी. मुझे अपने समर्थन में असम के लोगों और विभिन्न संगठनों के सैकड़ों फोन कॉल और संदेश मिले हैं. इस बीच, नाहिद की मां ने कहा कि 25 मार्च के संगीत कार्यक्रम के आयोजकों ने परिवार से कहा है कि फतवा के कारण कार्यक्रम रद्द नहीं किया जा रहा है.
नाहिद को दी जायेगी पूरी सुरक्षा : सीएम
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने फतवे की निंदा करते हुए कहा कि कला और संस्कृति के खिलाफ इस तरह के आदेश अस्वीकार्य हैं. यह किसी के सांस्कृतिक अधिकारों की स्वतंत्रता के उल्लंघन के बराबर है. हमने नाहिद से बात की है. उसे पूरी सुरक्षा दी जायेगी.
मुसलिम गायकों से मिली प्रेरणा
नाहिद ने कहा कि उन्हें कई बड़े मुसलिम गायकों और संगीतकारों से गाना गाने की प्रेरणा मिलती है. मुझे बेगम परवीन सुल्तान जी से बहुत प्रेरणा मिलती है. इसके अलावा नीलिमा खातून जी, उस्ताद गुलाम अली साहब, राहत फतेह अली खान साहब, जावेद अली साहब, पाकिस्तान के आतिफ असलम साहब, ऐसे बहुत सारे मुसलिम गायक हैं, जिन लोगों से मुझे बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है.