VIDEO : मॉडल ने वीडियो में दिखाया गोरेपन का झूठ बेचने वाली इंडस्ट्री का काला सच

मुंबई : अपने करियर के शुरुआती दिनों में फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन में काम करने वाली मॉडल सोनल सहगल ने एक वीडियो बनाकर गोरेपन का झूठ बेचने वाली इंडस्ट्री का काला सच दिखाया है और साथ ही माफी भी मांगी है. इस वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए सोनल ने लिखा कि 14 साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2017 11:31 AM

मुंबई : अपने करियर के शुरुआती दिनों में फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन में काम करने वाली मॉडल सोनल सहगल ने एक वीडियो बनाकर गोरेपन का झूठ बेचने वाली इंडस्ट्री का काला सच दिखाया है और साथ ही माफी भी मांगी है. इस वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए सोनल ने लिखा कि 14 साल पहले जब वह अपना करियर बनाने के लिए मुंबई शिफ्ट हुई थीं, तब उन्हें जो पहला काम मिला वह फेयरनेस सोप का विज्ञापन था. इस विज्ञापन से उन्हें इतने पैसे मिल रहे थे कि वह अपने घर का साल भर का किराया चुका सकती थीं. उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोचा और विज्ञापन करलिया.

कुछ सालों बाद वह टीवी का चर्चित चेहरा बन गयी थीं, कुछ अच्छे सीरियल्स में काम कर रही थीं. तभी एक दिन उनकी घरेलु सहायक दो अलग-अलग ब्रांड्स की क्रीम उनके पास लेकर आयी और उनसे पूछा कि वह गोरे होने के लिए क्या लगाती हैं? सोनल बताती हैं, तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने उसे और उसकी तरह कई सांवली खूबसूरत महिलाओं को धोखा दिया है, उन्हें लगता है कि मैं गोरी हूं क्योंकि मैं कोई क्रीम लगाती हूं. मुझे एहसास हुआ कि मैं एक ऐसे माफिया का हिस्सा बन चुकी हूं जो खूबसूरत सांवली महिलाओं के आत्मविश्वास को चोट पहुंचाता है.’



गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेता अभय देओल द्वारा त्वचा का रंग गोराबनाने का दावा करने वाली क्रीम के विज्ञापनों के खिलाफ मोरचा खोलने के बाद यह बहस का मुद्दा बन गया है. गौरतलब है कि शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, विद्या बालन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, जॉन अब्राहम सहित दर्जनों सितारों ने फेयरनेस क्रीम्स का प्रचार किया है. इस तरह के ज्यादातर विज्ञापनों में गोरेपन को काबिलियत और आत्मविश्वास से जोड़कर दिखाया जाता है, इनमें बताया जाता है कि कैसे गोरे व्यक्ति को जॉब, गर्लफ्रेंड, अच्छा रिश्ता आसानी से मिल जाता है.

क्या है वीडियो में?


इस वीडियो में एक लड़की को अच्छी डांसर होने के बावजूद ग्रुप में सबसे पीछे रखा जाता है क्योंकि वह सांवली होती है. वह एक क्रीम का विज्ञापन देखती है और सोचती है कि उससे गोरी हो जाएगी. वह गोरेपन के साबुन से कई बार अपना मुंह धोती है, बड़ी मात्रा में गोरा करने वाली क्रीम लगाती है पर उसके रंग में कोई अंतर नहीं आता है. वीडियो के अंत में यह बताया गया है कि भारत में गोरेपन का विज्ञापन करने वाली इंडस्ट्री करीब 20.5 बिलियन डॉलर की है. इस इंडस्ट्री को हमारे समाज की दकियानूसी और काली चमड़ी के प्रति समाज की दोयम दर्जे की सोच से समर्थन मिलता है. वीडियो के अंत में लिखा गया है कि हमें फेयरनेस क्रीम्स के काले पक्ष पर रोक लगानी चाहिए.

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