अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी आलिया सिद्दीकी बीते कुछ समय से अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में रही हैं, लेकिन हाल ही में बतौर निर्मात्री आलिया की फिल्म होली काउ ने अमेजॉन प्राइम वीडियो पर दस्तक दी है. आलिया बताती हैं कि बहुत सारे लोगों को यह फिल्म बहुत पसंद आयी थी, लेकिन जब बात ओटीटी रिलीज की हुई, तो संवेदनशील मुद्दे पर बनी होने की वजह से कई लोग पीछे हट गए. मैं अमेजॉन को थैंक्यू बोलूंगी. जो उन्होंने मेरी फिल्म को चुना. उनकी इस फिल्म, निजी जिंदगी पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
होली काउ के निर्माण से किस तरह से आप जुड़ी?
2004 में मैं एक्टिंग करने आयी थी, लेकिन बीच में कहीं ना कहीं डायरेक्शन में दिमाग चला गया, तो मैं छोटी- छोटी फ़िल्में बना लेती थी. एक टाइम के बाद शादी हो गयी, बच्चे हो गए. उसमें पूरा समय चला गया. निर्देशक साई कबीर ने मुझे इस फिल्म की कहानी सुनायी थी कि एक मुसलमान की गाय खो जाती है. मुझे यह विषय बहुत ही अपीलिंग लगी, जिस वजह से मैं फिल्म से जुड़ गयी.
निर्मात्री बनने का फैसले नें किन चुनौतियों को आपके सामने रखा था?
मेरी शादी में परेशानी हमेशा से थी, लेकिन मैं अपने काम में रुकी नहीं, क्योंकि मेरा कैरियर मेरे लिए बहुत अहमियत रखता है. बूंद-बूंद से सागर बनता है. पैसों की दिक्कत बहुत हुई. मैंने अपनी सेविंग इसमें डाली. बाहर से पार्टनर भी जोड़ें और फिल्म को पूरी की. आमतौर पर छोटी फिल्मों को थिएटर नहीं मिलते हैं, लेकिन मेरी इस फिल्म का विषय और कास्टिंग अच्छी थी, जिस वजह से ना सिर्फ इस फिल्म को थिएटर मिले, बल्कि क्रिटिक्स और लोगों ने इस फिल्म को सराहा भी गया, तो कहीं ना कहीं सारी मेहनत रंग लायी.
नवाज का कितना सपोर्ट था?
नवाज का किसी भी चीज में कभी कोई सपोर्ट रहा नहीं है. उनको हमेशा मुझमे खामियां ही दिखती है कि तुम ये अच्छा नहीं कर रही हो, ये गलत है. नवाज का सपोर्ट नहीं था. इसलिए मैंने सारी अपनी सेविंग इस फिल्म में लगा दी और एक-एक पैसे को मोहताज हो गयी. सपोर्ट यही बस था कि मेरी फिल्म में उन्होxने एक मेहमान भूमिका की है. उसके लिए मैं उनको थैंक यू बोलूंगी. इससे ज्यादा कोई सपोर्ट नहीं था. मैं बताना चाहूंगी कि उसके लिए भी मैंने उनको नहीं कहा था. उन्होंने सामने से कहा कि मैं फिल्म में मेहमान भूमिका करना चाहूंगा, क्योंकि फिल्म का विषय अच्छा है.
कोर्ट के फैसले के बाद क्या चीजें बदली है?
दिक्कत तो अभी भी है. हमारा कोर्ट में मामला है. अभी जो कोर्ट तय कर रहा है. हम उसी हिसाब से चल रहे हैं. कोर्ट का बहुत बड़ा सपोर्ट है. अभी कोर्ट ने बच्चों की स्टडी के लिए हमें दुबई भेजा है. कोर्ट ने नवाज को बोला है कि जो भी आर्थिक परेशानी है, उसे वह मैनेज करें.कोर्ट का आर्डर है, तो उनको करना ही पड़ेगा. अभी तक सब ठीक हैं, बच्चे भी ठीक हैं.
अपनी निजी और पेशेवर ज़िन्दगी से आपकी अब क्या उम्मीदें हैं?
मुझे सुकून की जिंदगी चाहिए. मुझे इनसे डाइवोर्स लेना है. मेरे नाम के साथ, जो इनका नाम जुड़ा है वो हटाना है. मुझे नवाज़ुद्दीन का नाम अपने नाम के साथ चाहिए ही नहीं. वो मेरे लिए एक मेन्टल टॉर्चर की तरह था. बस मुझे डाइवोर्स का इंतज़ार है. जहां तक बात प्रोफेशनल की है, तो मैं धीरे-धीरे ही सही अपने पैरों पर भी खड़ी होना चाहती हूं. छोटी-बड़ी फ़िल्में बनाना चाहती हूं.
मुंबई में क्या अब आप किराये का घर लेने वाली हैं या नवाज और उनकी फॅमिली के साथ रहेंगी?
अभी तो मैं दुबई में ही रहूंगी. नवाज़ और मैं एक फ्लैट के जॉइंट ओनर है. वो हमें दो साल बाद मिल जाएगा, तो मैं फिर वहां रहूंगी.
क्या आपको लगता है कि आपकी पर्सनल लाइफ की कंट्रोवर्सी प्रोफेशनल लाइफ में भी दिक्कतें ला सकती हैं?
इंडस्ट्री की ऐसी कोई छोटी सोच नहीं हैं. मैं प्रसिद्ध लोक गायिका तीजन बाई पर एक बायोपिक फिल्म बनाने जा रही हूं. इसके सिलसिले में मैं एक बड़ी एक्ट्रेस और एक डायरेक्टर से मिली. जो भी मेरी शादी को लेकर विवाद हुआ, उसके बाद. मुझे लगता है कि इंडस्ट्री के लोग बहुत ही प्रोफेशनल हैं, उन्हें स्क्रिप्ट और किरदार अच्छा चाहिए और कोई बात मायने नहीं रखती है.
क्या ये भी डर रहता है कि नवाज़ आपकी प्रोफेशनल लाइफ को प्रभावित कर सकते हैं?
और कितनी वो परेशानी ला सकते हैं. पहले ही मेरी ज़िन्दगी को उन्होंने मुश्किलों से भर दी है, वैसे अब मैं रुकने वाली नहीं हूं, चाहे कुछ भी हो जाए.
इंडस्ट्री में आप एक्ट्रेस बनने के लिए आयी थी, क्या एक्टिंग के लिए अभी भी तैयार हैं?
हां क्यों नहीं, कुछ अच्छा मिला तो जरूर करूंगी.