मुंबई: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बॉलीवुड एक्टर आमिर खान (Aamir Khan) को पांच साल पुराने बयान पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. आमिर खान ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि उन्हें और उनकी पत्नी को देश में रहने से डर लगने लगा है. इस बयान को लेकर रायपुर के दीपक दीवान ने हाई कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकलपीठ में हुई. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है.
एक्टर आमिर खान ने 2015 में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘देश में असहिष्णुता के माहौल के चलते उन्हें और उनकी पत्नी को भारत में रहने से डर लगता है.’ इस बयान के बाद दीपक ने अभिनेता के खिलाफ धारा 153-ए और 153-बी के तहत एक परिवाद दायर किया था. इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट, रायपुर ने मामले को पुरानी बस्ती थाना के पास परिवादी और अन्य का बयान लेकर जांच करने के लिए भेज दिया था.
इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर ने परिवाद को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उक्त दोनों ही धाराओं के लिए केंद्र-राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है. परिवाद के पूर्व कोई अनुमति नहीं ली गई है. अतः मामले का संज्ञान नहीं लिया जा सकता. इसके विरुद्ध परिवादी ने सेशन कोर्ट में रिवीजन वाद दायर किया था जो कि समान आधार पर खारिज कर दिया गया. इसे चुनौती देते हुए परिवादी ने अधिवक्ता अमियकांत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
याचिका में बताया है कि फिल्म अभिनेता आमिर खान के खिलाफ दायर परिवाद को इस आधार पर खारिज किया गया कि पूर्वानुमति नहीं ली गई. दूसरा मजिस्ट्रेट के सामने समस्त सामग्री थी कि मामले को अनुमति हेतु प्राधिकृत को अनुमति के लिए भेजा जा सकता था. वहीं, पुरानी बस्ती थाना ने जब जांच पर अपराध के होने का प्रमाण पाया तब उसे सीधे ही मामला दर्ज करते हुए जांच पूरा कर रिपोर्ट दाखिल करना था. दोनों ही अपराध संज्ञेय और अजमानती प्रकृति के हैं.
अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि दीवान ने इसे चुनौती देते हुए मार्च, 2020 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय में जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकल पीठ ने विगत पांच मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने बताया कि सोमवार को उच्च न्यायालय ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए आमिर खान और राज्य शासन द्वारा कलेक्टर, रायपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है.