Aaradhya Bachchan Court Case: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की पोती और अभिषेक बच्चन-ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. 11 साल की आराध्या ने फेक न्यूज से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आराध्या बच्चन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और कुछ यूट्यूब चैनलों को समन जारी किया है.
Delhi HC issues summons to Google LLC and several entities operating channels on YouTube in a suit filed by Abhishek Bachchan for allegedly spreading fake news about his daughter's health. Court, while issuing interim directions, said Google LLC is duty-bound in law to ensure… pic.twitter.com/EVDMIshn1Z
— ANI (@ANI) April 20, 2023
दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिषेक बच्चन द्वारा अपनी बेटी के स्वास्थ्य के बारे में कथित रूप से फर्जी खबरें फैलाने के लिए दायर एक मुकदमे में गूगल एलएलसी और यूट्यूब पर चैनल चलानेवाली कई संस्थाओं को समन जारी किया है. कोर्ट ने अंतरिम निर्देश जारी करते हुए कहा कि Google LLC कानून में कर्तव्यबद्ध है कि वह मध्यस्थों से संबंधित संपूर्ण वैधानिक व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करे, जिसमें आईटी नियम 2021 शामिल है.
Also Read: KBC 15 की हॉट सीट पर किस्मत आजमाने के लिए हो जाएं तैयार, अमिताभ बच्चन के शो का इस दिन से शुरू होगा रजिस्ट्रेशनदरअसल, यह मामला फेक न्यूज से जुड़ा है. ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन की इकलौती बेटी आराध्या बच्चन की तबीयत को लेकर एक यूट्यूब चैनल ने अफवाहें उड़ाईं, जिसे देख कर बच्चन परिवार खासा नाराज हुआ और उन्होंने अब सख्त कदम उठाने का फैसला लिया. बच्चन परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर यूट्यूब चैनल के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है, जिन्होंने आराध्या बच्ची की हेल्थ को लेकर फर्जी खबर चलायी. याचिकाकर्ता बच्चन परिवार ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी बेटी माइनर है. उसके खिलाफ ऐसी नेगेटिव खबरें परेशान करनेवाली है. बता दें कि अभी इन खबरों पर ऐश्वर्या और अभिषेक ने ऑफिशियली रिएक्ट नहीं किया है. हालांकि, अभिषेक बच्चन पहले भी 11 साल की बेटी के खिलाफ होनेवाली ट्रोलिंग और निगेटिव खबरों पर रिएक्ट कर चुके हैं.
आराध्या बच्चन की इस याचिका पर आज सुनवाई हुई. जस्टिस सी हरिशंकर की एकल जज पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. मामले की सुनवाई शुरू हुई, तो न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने चैनल से कहा कि इस तरह के मामले से निपटने के लिए आपके पास नीति क्यों नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यूट्यूब की जीरो टॉलरेंस नीति में गड़बड़ है. कोर्ट ने यूट्यूब चैनल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता से कहा कि आप सिर्फ जानकारी दे रहे हैं और आपको इसकी सच्चाई से कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने कहा, यह मानहानि का मामला नहीं है, यह गलत सूचना प्रसारित करने का मामला है. यूट्यूब एक फायदा लेने वाला प्लैटफॉर्म है और अगर आप इससे फायदा ले रहे हैं तो आप पर सामाजिक जिम्मेदारी भी है.