Abhay Season 3 Review: विजय राज का शानदार अभिनय ..एंगेजिंग है अभय 3
ओटीटी प्लेटफार्म में अपराध और ड्रामा जॉनर में अभय एक लोकप्रिय फ्रेंचाइजी रही है. अब कुणाल खेमू स्टारर ‘अभय’ का तीसरा सीजन आ गया है. पिछले दोनों सीजन के मुकाबले यह सीजन ज्यादा डार्क है.
वेब सीरीज- अभय 3
निर्देशक- केन घोष
कलाकार-कुणाल खेमू, विजय राज, राहुल देव, तनुज विरवानी, आशा नेगी, निधि सिंह और अन्य
प्लेटफार्म- जी स्टूडियोज
रेटिंग- तीन
ओटीटी प्लेटफार्म में अपराध और ड्रामा जॉनर में अभय एक लोकप्रिय फ्रेंचाइजी रही है. इसका तीसरा सीजन आना, अपने आप लोकप्रियता की कहानी को बयां कर रहा है. स्पेशल टास्क फोर्स के जांबाज अफसर अभय प्रताप सिंह लौट आए हैं. उनकी निजी जिंदगी की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं और समाज के सीरियल किलर्स भी कम नहीं हो रहे हैं. इन्ही दो पहलुओं को यह सीरीज भी दिखाती है. पिछले दोनों सीजन के मुकाबले यह सीजन ज्यादा डार्क है. एक बार फिर यह अपने दर्शकों को असहज कर जाता है, लेकिन इस बार कहानी में रोमांच का पहलू कम रह गया है. सब प्लॉट्स आधे अधूरे से लगते हैं, लेकिन विजय राज और कुणाल खेमू अपने असरदार अभिनय से इस सीरीज को एंगेजिंग बना गए.
इस बार इस क्राइम ड्रामा थ्रिलर को कहने का अंदाज थोड़ा अलग है. आमतौर पर आठ एपिसोड वाले इस क्राइम थ्रिलर के हर एपिसोड में क्राइम की एक नयी कहानी कही जाती है, लेकिन इस बार दो कहानियों में आठ एपिसोड्स को बुना गया है. पहली कहानी हाइवे को दो एपिसोडस में और दूसरी कहानी आत्मा की मुक्ति के नाम पर शहर में हो रही बलि की है. इस कहानी को छह एपिसोड्स में बुना गया है. जिसमे सुपर नेचुरल एलिमेंट को भी जोड़ा गया है. छह एपिसोड में कहानी को कहा गया है. कई बार कहानी खिंचती हुई जान पड़ती है.
सीजन के जो सिरे छोड़े गए थे. वो इस सीजन भी कहानी में जोड़े गए हैं, लेकिन कहानी के सब प्लॉट्स अधूरे से लगते हैं. उदाहरण के लिए कहानी में दिव्या अग्रवाल और तनुज विरवानी का किरदार सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर है. इस बात को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है, लेकिन वह कहानी में उसका वो कनेक्शन को ठीक से एक्सप्लोर नहीं किया है.
अभिनय की बात करें तो अभय प्रताप सिंह की भूमिका में कुणाल खेमू हमेशा की तरह पूरी तरह रचे बसे नजर आए हैं. विजय राज इस सीजन का नया चेहरा हैं और वे बाजी मार ले जाते हैं. उनका लुक भी उनके अभिनय की तरह ही असरदार है. बाकी के किरदारों में आशा नेगी, निधि सिंह, तनुज वीरवानी, विद्या मालवडे औसत रहे हैं, तो राहुल देव के लिए करने को कुछ खास नहीं था. सीरीज की सिनेमेटोग्राफी औसत है, तो संवाद कहानी के अनुरूप हैं. चौथे सीजन के लिए सीरीज का एंड खुला छोड़ दिया है. कुलमिलाकर अगर आप अभय फ्रेंचाइजी को प्रसंशक हैं तो यह सीरीज भी आपको एंगेज करेगी.