actress sumit singh:गुम है किसी के प्यार में रीवा का किरदार निभा कर लोकप्रियता हासिल करने वाली अभिनेत्री सुमित सिंह इनदिनों स्टार भारत के सुपरनैचुरल शो शैतानी रस्में में अभिनय कर रही हैं.इस शो से उनके जुड़ाव और निजी जिंदगी पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
सास बहू से अलग करने का था मौका
मैंने अब तक सास बहू वाले ही शोज किये हैं. लेकिन शो शैतानी रस्में मुझे बिल्कुल ही अलग करने का मुझे मौका दे रहा था. जिस वजह से मैंने तुरंत ही इस शो को हां कह दिया.सीरियल में मेरे किरदार का नाम पिन्नी है .उसमें बचपना भर भर के भरा है.वह बचपना ही अपने आप में बहुत सारी एनर्जी लेकर आता है. जो मैंने जिंदगी जी नहीं है .वह मैं पिन्नी में डाल देती हूं.जैसे बोलने का तरीका है और मैं नोटिस कर रही हूं कि यह लोगों को अच्छा भी लग रहा है.
उड़ने का सुपर पावर चाहती हूं
मैं लॉजिक भी नहीं मैजिक में बिलीव करती हूं .यही वजह है कि मुझे यह शो बहुत ही खास लगता है .इस शो में मेरे पास सुपर पावर है. पिन्नी किसी भी चीज को हवा में उड़ा सकती है. चीजों को अपने कंट्रोल में कर सकती है, तो इन सब चीजों को करते हुए मैं बहुत इंजॉय करती हूं. निजी जिंदगी के सुपर पावर की बात करें तो मैं चाहूंगी कि मुझे उड़ने का पावर मिल जाए.
पॉजिटिव के साथ नेगेटिव एनर्जी भी होती है
यह शो पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी की बात करता है. असल जिंदगी में भी नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों एनर्जी हमेशा हमारे आसपास रहती है. अगर आप 10 लोगों से घिरे हुए हैं, तो आप आएंगे कि दो लोग आपके बारे में अच्छा सोच रहे हैं. दो लोग आपके बारे में नॉर्मल सोच रहे हो ,लेकिन कुछ लोगों उसमें से आपका बुराचाह रहे होंगे तो उनकी एनर्जी भी हम पर पड़ती है. हम एक्ट्रेस लोग तो सेट पर सौ लोगों के साथ काम करते हैं. यह वजह है कि मैं घर जाकर हमेशा नहाती हूं ताकि जो भी नेगेटिविटी मुझ तक आई है. वह खत्म हो जाए.
कमरे को नमक के पानी से धुला देती हूं
कुछ नंबर्स को मैं नेगेटिव मानती हूं. इस शो की शूटिंग के दौरान मुझे पहले कुछ नंबर का रूम मिला था. जिससे मेरी वाइब्रेशन मैच नहीं कर रही थी.मुझे वह कमरा बहुत डिप्रेशन देता था,जिसके बाद मैंने प्रोडक्शन से इस बात की शिकायत की और उन्होंने मेरा रूम चेंज कर दिया. मैं एनर्जी फील कर लेती हूं. वैसे मैं अगर कुछ ऐसा गलत महसूस करती हूं, तो मैं अपने घर के कमरों को भी नमक के पानी से धुला देती हूं. मैं अपने बाथरूम में रॉक साल्ट रखती ही हूं.
फिल्में भी कर रही हूं
मैंने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों से की थी लेकिन उसके बाद कोविड आ गया और मैंने टेलीविजन की ओर रुख कर लिया .मैंने मिठाई शो किया .मीत किया. गुम है किसी के प्यार में किया.जिसको लोगों ने बहुत प्यार दिया. मैं इस बात को जरुर कहना चाहूंगी कि टेलीविजन में आप बहुत सीखते हैं . आपको जल्दी-जल्दी तैयार होकर एक पेज के डायलॉग आधे घंटे में बोलना है. आपको अपना बेस्ट देना है.फिल्म मैं आपको बहुत ज्यादा टाइम मिलता है, जिसमें आपको अच्छा करने के बहुत सारा समय मिलता है.टीवी से अच्छी ट्रेनिंग ग्राउंड एक एक्टर के लिए नहीं हो सकती है .वैसे मैं फिल्मों के ऑडिशन भी देती रहती हूं. मैंने संजय दत्त की फिल्म घुड़चड़ी हाल ही में की थी. इसके अलावा मैं बॉर्डर 2 में भी नजर आऊंगी.
तलाकशुदा हूं लेकिन बेचारी नहीं हूं
एक्ट्रेस हूं तो मेरी निजी जिंदगी के बारे में भी अक्सर बातें होती रहती है. अपनी निजी जिंदगी की बात करूं तो मैं शादीशुदा नहीं हूं.मैं तलाकशुदा हूं. मेरा 6 साल का बेटा है. वह मेरे साथ ही रहता है. मैं सिंगल पैरेंट हूं. मैं आज जो भी हूं . अपने बच्चों की वजह से हूं. मैंने 18 साल की छोटी उम्र में शादी कर ली थी और 19 साल की उम्र में मां भी बन गई थी. उसके बाद मेरी शादी में बहुत कुछ सहना पड़ा,जिसके बाद मेरा तलाक हो गया. अपने बच्चे के साथ-साथ मैं भी बड़ी हुई हूं. आमतौर पर लोग तलाकशुदा को बेचारी समझते हैं. उनसे सिम्पैथी रखते हैं,लेकिन मैं बेचारी नहीं हूं. यही वजह है कि मैं अपनी स्ट्रांग इमेज बनाई है. मुझे लगता है कि अगर आप स्ट्रांग है तो लोग भी आपको मजबूत ही समझेंगे .
तब डिप्रेशन फील होता है
सिंगल मदर हूं. एक्ट्रेस हूं. यहां कुछ भी तय नहीं है तो मैं भी परेशानी या कहे डिप्रेशन से कई बार जूझती हूं. टेलीविजन में जैसे ही एक शो बंद हो जाता है या फिर आप उससे निकल जाते हैं,तो अचानक से हमको फोबिया हो जाता है क्योंकि हम लगातार हर दिन 12 से 15 घंटे से ज्यादा काम कर रहे होते हैं.आपको काम की इतनी आदत हो जाती है कि घर बैठे के साथ ही आपको बहुत ही डिप्रेशिंग सा लगने लगता है. मैं जब किसी शो को छोड़ देती हूं, तो मैं भी डिप्रेशन से गुजरने लगती हूं. दिमाग़ में चलने लगता है कि शो मिलेगा ना. फिर शो मिल जाता है और सबकुछ ठीक हो जाता है .
नाम नहीं बदलूंगी
मेरा नाम सुमित सिंह है, जिस वजह से मैं बहुत ट्रोल भी होती हूं. लोग कहते हैं कि यह लड़के का नाम होना चाहिए. लेकिन मैंने अपना नाम नहीं बदला क्योंकि ये मेरे दादाजी का नाम है. वैसे इस नाम का मतलब भी बहुत खास है. सुमित का मतलब सच्चा दोस्त. अपने आसपास के लोगों के लिए मैं अपने इस नाम की साकार करना चाहती हूं ताकि मेरे दादाजी को भी प्राउड हो .