फिल्म रनवे 34 से अभिनेता अजय देवगन अभिनेता, निर्देशक और निर्माता तीनों की जिम्मेदारी एक बार फिर निभाने जा रहे हैं. इससे पहले फिल्म शिवाय में उन्होंने इन तीनों जिम्मेदारियों को संभाला था. इस फिल्म, कैरियर और आनेवाले प्रोजेक्ट्स पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत
रनवे 34 में क्या खास था जो आपने इस फिल्म में अभिनेता, निर्माता, निर्देशक तीनों की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हुए?
मुझे कहानी पसंद आयी जब मैंने उसे पढ़ना शुरू किया तो मुझे लगा कि इसकी निर्देशन की जिम्मेदारी भी मुझे लेनी चाहिए. कहानी बहुत दमदार थी और दूसरी बात मुझे ऐसी फिल्में बनाना पसंद है जो चुनौतीपूर्ण हों. शिवाय में पहाड़ की चोटी पर एक्शन सीक्वेंस शूट करना आसान नहीं था. फिल्म रनवे 34 में जो ड्रामा हमें कॉकपिट में क्रिएट करना था, वह आसान नहीं था, मुश्किल था. कई सारे कैमरे लगाए गए और बहुत अलग अलग तरह के कैमरे इसमें इस्तेमाल हुए हैं. जहां तक किरदार की बात है तो इस किरदार में ग्रे शेड्स हैं. वह इंटेलिजेंट है. वह सबसे शानदार पायलट है लेकिन नियमों का पालन नहीं करता है
आप एक निर्देशक और अभिनेता के तौर पर कितने अलग हैं और सेट पर कब कौन सी भूमिका पीछे रखनी पड़ती है?
अभिनेता को पीछे हटना पड़ता है क्योंकि निर्देशक ही अभिनेता को निर्देशित कर रहा होता है. हां, जब आप कैमरे के सामने आते हैं तो आपको पूरी तरह से एक अभिनेता में बदलना होता है, इसलिए आपके पास एक बैलेंस होना चाहिए. यह बहुत मेहनत का काम है लेकिन अगर आप शुरू से ही अपने काम में क्लियर हैं तो कोई दिक्कत नहीं होती है.
इस फिल्म में अमिताभ सर को निर्देशित करना कैसा रहा?
मुझे लगता है कि यह हर निर्देशक का सपना होता है. उनके परफॉर्मेंस और समर्पण को अपनी फिल्म के सेट पर देखें. निर्देशित करें. वह अभिनय में लीजेंड होने के बावजूद डायरेक्टर एक्टर हैं.वह आपको पूरी तरह से प्रेरित करते हैं.
क्या आप उनको निर्देशित करते हुए दबाव में थे?
मैं उन्हें बचपन से जानता हूं, इसलिए कोई दबाव नहीं था. मेरा उनके साथ बहुत अच्छा संबंध रहा है.
क्या यह पहली बार है जब आपने उन्हें निर्देशित किया है ?ऐसी खबरें आ रही कि आपने पहले भी उन्हें निर्देशित किया है?
ऑफीशियल तौर पर मैंने उन्हें पहली बार रनवे 34 में निर्देशित किया है. अनऑफिशियली फिल्म मेजर साहब की शूटिंग के दौरान हमारे निर्देशक बीमार पड़ गए और अमित जी ने मुझसे कहा कि क्या आप आज निर्देशन को संभाल सकते हैं. इसलिए मैंने कुछ सीन्स का निर्देशन किया था.
बच्चन सर टेक से पहले भी क्या रिहर्सल करते हैं?
वह करते हैं लेकिन जब कैमरे पर शॉट देने की बारी आती है तो वह बिल्कुल अलग होते हैं. रिहर्सल से पूरी तरह से अलग. आपने रिहर्सल के दौरान जो अमित जी को देखा होता है. वो कैमरे के सामने अलग होते हैं.
इन दिनों साउथ फिल्मों का क्रेज है क्या पैन इंडिया फिल्म बनाने की भी आपकी तैयारी है ?
मुझे नहीं लगता कि आप एक पैन इंडिया फिल्म की प्लानिंग बना सकते, यह बस हो जाता है. कोई भी फिल्म रिलीज के बाद ही पैन इंडियन फिल्म बन सकती है.
लेकिन आरआरआर को शुरुआत से ही पैन इंडिया फिल्म कहकर प्रमोट किया गया था?
ऐसा इसलिए था क्योंकि उसके निर्देशक राजामौली थे. बाहुबली के बाद वह कुछ ऐसा प्लान कर सकते थे. यहां तक कि केजीएफ भी पैन इंडियन फिल्म के रूप में रिलीज नहीं हुई थी, वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, तभी यह पैन इंडिया बन गई.
आरआरआर में छोटी भूमिका के बावजूद आपने अपनी छाप छोड़ी है?
मैंने कभी कुछ नहीं किया है. यह सब निर्देशकों का काम होता है. वे मजबूत किरदारों के साथ आए इसलिए मैंने उन भूमिकाओं को चुना. हॉलीवुड में बड़े अभिनेता भी दूसरी फिल्मों में छोटी छोटी भूमिकाएं करते हैं, मुझे नहीं पता कि हम ऐसा क्यों नहीं करते हैं. बॉलीवुड के एक्टर्स को गेस्ट अपीयरेंस में पता नहीं क्यों परेशानी होती हैं.मुझे नहीं होती है.
इन-दिनों रुपहले पर्दे पर हीरोइज्म हावी हैं,आपके लिए हीरोइज्म क्या है?
हीरोइज्म आत्मविश्वास का नाम है, खुद को आगे ले जाने का भी और यह तब होता है जब आप अपने साथ सहज होते हैं. मुझे लगता है कि मौजूदा दौर की स्क्रिप्ट और फिल्मों से यह गायब है .जो हम इन दिनों कर रहे हैं.मैं एक फिल्म भोला कर रहा हूं, जो पूरी तरह से एक एक्शन फिल्म है.
आप और काजोल नेचुरल एक्टर हैं, क्या आप काम पर चर्चा करते हैं?
हम दोनों नेचुरल एक्टर हैं लेकिन हम काम पर चर्चा नहीं करते हैं. अभिनेताओं के दो टाइप होते हैं. एक जो मेथड एक्टिंग करते हैं और दूसरे जो स्वतःस्फूर्त होते हैं. यह निर्भर करता है कि आपके लिए क्या काम करता है .हम स्वतःस्फूर्त में एक्टिंग करने में यकीन करते हैं.हम सीन्स को महसूस करते हैं और करते हैं
अजय आप अभी भी फिट हैं,जॉन अब्राहम का कहना है कि वह सोडा को नहीं छूते हैं आप किन चीजों से खुद को दूर रखते हैं ?
मैं सब कुछ खाता हूं लेकिन मैं भी सोडा से दूर ही रहता हँ क्योंकि मुझे उसे पीना पसंद ही नहीं है. आप मुझे दो साल में एक बार एक घूंट लेते हुए देख सकते हैं.
सितारों के विज्ञापन करने पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं आप इसपर क्या कहेंगे
यह एक व्यक्तिगत चॉइस होती है. मैं इलायची विज्ञापन कर रहा हूं. इस बात के साथ मैं ये भी कहूंगा कि अगर कुछ गलत है तो उसके प्रचार को बंद करवाने से कुछ नहीं होगा उसे बेचना बन्द करना चाहिए.
क्या न्यासा की फिल्मों में डेब्यू करने वाली हैं.
वह अभी स्विट्जरलैंड में पढ़ रही है, फिलहाल मैं यही बता पाऊंगा.
आपकी आनेवाली फिल्में
मैदान, थैंक गॉड, भोला की शूटिंग कर रहा हूं. उसके बाद दृश्यम 2 और फिर सिंघम 3 की शूटिंग होगी.