रियल ही नहीं बल्कि रील लाइफ में भी परफेक्ट पिता हैं अमिताभ बच्चन, यकीन नहीं होता तो देखें ये फिल्म
#80saalbemisaalbachchan बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन एक बेहतरीन एक्टर ही नहीं बल्कि एक अच्छे पिता भी है. एक्टर ने कई मौके पर इसको साबित भी किया है. एक्टर ने रील लाइफ में भी कई फिल्मों में एक आदर्श पिता का रोल निभाया है, जो दर्शकों के लिए इंस्पिरेशन रहा है.
#80saalbemisaalbachchan: बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपने पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. एक्टर अपनी फैमिली के साथ टाइम बिताते दिखाई देते है. एक्टर का उनके बेटे अभिषेक बच्चन और श्वेता बच्चन के साथ खास बॉन्डिंग है. वह सोशल मीडिया पर अपने बच्चों के साथ फोटोज शेयर करते रहते है, जिसे देखकर फैंस काफी इम्प्रेस हो जाते है. अमिताभ बच्चन रियल में ही नहीं बल्कि रील लाइफ में भी एक आदर्श पिता है. उन्होंने ऑनस्क्रीन कई फिल्मों में पिता की भूमिका निभाई है, जिन्होंने दर्शकों को काफी इम्प्रेस किया है.
बागबान में बिग बी के रोल ने सबको किया था इमोशनल
सबसे लोकप्रिय पारिवारिक फिल्मों में से एक, बागबान में अमिताभ बच्चन ने राज मल्होत्रा का किरदार निभाया था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इस फिल्म में वह और उनकी पत्नी पूजा के 4 बच्चे थे. दोनों बड़े प्यार से चार बेटों की परवरिश करते हैं. हालांकि, बाद में उनके बच्चे दोनों को अलग कर देते हैं और दोनों के प्यार के संघर्ष को दिखाया गया है. बाद में उन्हे गोद लिए हुए उनके बेटे सलमान खान अपने पिता को भगवान की तरह पूजता है. दोनों पति-पत्नी कुछ दिन उनके साथ रहते है. बाद में बिग बी की किताब छपती है और दोनों दंपत्ति एक साथ सुखी से जीवन जीते है.
वक्त
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन अक्षय कुमार के पिता का किरदार निभाते है. ये ऐसी फिल्म की कहानी होती है, जिसमें बेटा कुछ नहीं करता है और वह अपने पिता पर निर्भर रहता है. बाद में बिग बी को कोई बीमारी हो जाती है और वह अपने बेटे को पैरों पर खड़ा करने के लिए उसे अलग कर देते हैं. बाद में जब उसका बेटा अपने बल पर कुछ करता है, तब बिग बी की मृत्यू हो जाती है और बेटा अपने पिता को हमेशा याद करता है.
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सूर्यवंशम
इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को जिम्मादार पिता के रूप में दिखाया गया है. फिल्म की कहानी में देखा जा सकता है कि ग्राम प्रधान भानु प्रताप सिंह अपने सबसे छोटे बेटे हीरा को उसकी निरक्षरता के कारण घृणा करता है. हालांकि, बाद में हीरा खूब मेहनत करता है और अपने पिता के नाम पर एक अस्पताल खोलता है. अंदर ही अंदर भानु प्रताप के दिल में भी बेटे के लिए प्यार छुपा होता है.