पद्म विभूषण और मशहूर सितार वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का बीते दिनों 84 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शिवकुमार पिछले छह महीने से किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे. आज मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा. दोपहर 2.30 बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.
पंडित शिवकुमार शर्मा के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पार्थव शरीर रखा गया है. जिसके बाद अभिनेता अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन ने प्रसिद्ध संतूर वादक और संगीतकार को उनके आवास पर पहुंचकर अंतिम श्रद्धांजलि दी. इला अरुण और हरिहरन ने भी उस्ताद को अंतिम श्रद्धांजलि दी.
Maharashtra | Amitabh Bachchan and Jaya Bachchan pay their last respects to eminent Santoor player Pandit Shivkumar Sharma at his residence in Mumbai. He passed away yesterday pic.twitter.com/37KeSQ2uro
— ANI (@ANI) May 11, 2022
संतूर के दिग्गज पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, बिग बी ने अपने ब्लॉग पर कुछ लाइनें लिखी,“उस्ताद शिवकुमार शर्मा का निधन, जिन्होंने कश्मीर की घाटियों से संतूर, एक विशेष वाद्य यंत्र बजाया..जिन्होंने इतनी सारी फिल्में डिजाइन कीं. मेरे और कई अन्य लोगों के लिए संगीत..सफलता के बाद निरंतर सफलता, दर्द के दर्द से आपको सुन्न कर देता है..इसके विपरीत भी .. शिवकुमार जी, जिन्होंने अपनी प्रतिभा में ‘संतूर’ की भूमिका निभाई..जिन्होंने अपना दिल और आत्मा लगा दी। उन्होंने अपनी अविश्वसनीय उपस्थिति के बावजूद..विनम्र .. और एक प्रतिभा की प्रतिभा..स्ट्रिंग वाद्ययंत्र के मास्टर के लिए एक दुखद अंत..वह और हरि प्रसाद चौरसिया जी, प्रसिद्ध बांसुरी वादक फिल्म संगीत के लिए एक दुआ थे. वे उतने ही मजबूत आए जितना वे कर सकते थे..रिकॉर्ड किया गया और चला गया.”
पंडित शिवकुमार शर्मा का मंगलवार सुबह पाली हिल स्थित आवास पर निधन हो गया. एक पारिवारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा था… वह सक्रिय थे और अगले सप्ताह भोपाल में प्रदर्शन करने वाले थे. वह नियमित रूप से डायलिसिस पर थे.” पंडित शिवकुमार शर्मा के परिवार में उनकी पत्नी मनोरमा और बेटे राहुल, संतूर वादक और रोहित हैं.
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पंडित शिवकुमार शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था. उन्हें 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था. किंवदंती को 1991 में प्रतिष्ठित पद्म श्री और 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्होंने ‘सिलसिला’, ‘लम्हे’, ‘चांदनी’ और ‘डर’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए बांसुरी के दिग्गज पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ संगीत तैयार किया था.