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Happy Birthday Amitabh Bachchan : बेमिसाल हैं Big B, पांच दशकों से सबके दिलों पर कर रहे राज

Amitabh Bachchan Birthday: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आज करोड़ों दिलों की धड़कन है. आज एक्टर 80 साल के हो गए हैं. अमिताभ बच्चन पांच दशकों से बच्चे, युवा और बुजुर्गों के दिलों पर राज कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 11, 2022 10:36 AM

Amitabh Bachchan Birthday: भारतीय सिनेमा की असीम प्रभा हैं अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan). 1969 से सात हिंदुस्तानी से फिल्मी करियर शुरू करनेवाले महानायक का 80 वर्ष में वही तेज, वही वेग और वही नायकत्व बरकरार है. भारतीय सिनेमा जगत का जगमग सितारा है, जो उम्र चढ़ने के साथ और तेजस्वी बन रहा है. सूर्य की तरह तेजस्वी, असीम प्रकाश बनकर भारतीय कला को समृद्ध कर रहे. अमिताभ को उनके चाहनेवालों ने कभी अपनी पलकों से नहीं उतारा. प्रशंसकों ने ही इनको मुकद्दर का सिकंदर, शहंशाह और बिग बी बनाया. अमिताभ ने अपने जीवन के 80 वर्ष पूरी कर्मठता, शिद्दत और बेहतर करने की जिद के साथ निभाया है.

जब बिग बी ने चाय की प्याली खुद ही उठाकर देना चाहा

कारोबारी विष्णु अग्रवाल भी अभिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक हैं, लेकिन उनके ऊपर अमिताभ का प्रभाव सिनेमाई दुनिया से कहीं ज्यादा उनके बेहतर इंसान होने को लेकर है. खास बात है कि उनके रिश्ते का फासला महज एक दीवार भर का है. मुंबई में जहां अमिताभ का पता जुहू का बी-2, जलसा है, तो वहीं विष्णु अग्रवाल की भतीजी कोमल अग्रवाल बी-3, मोहन पैलेस में रहती हैं. कोमल पति करण सर्राफ के साथ बिल्कुल पड़ोस में रहती हैं. कोमल अग्रवाल के ससुर अरुण सर्राफ वहां के प्रतिष्ठित कारोबारी हैं. कोमल की शादी 2015 में हुई. बाद में पता चला कि अमिताभ बच्चन उनके पड़ोसी हैं और बिना किसी रोक-टोक के घर आना-जाना है.

विष्णु अग्रवाल ने क्या कहा

विष्णु अग्रवाल कहते हैं कि अमिताभ बच्चन को कई बार देखा. बिटिया की शादी में जया भादुड़ी जी के साथ वर-वधू काे आशीर्वाद देने पहुंचे थे. इसके बाद तो जया जी और उनके परिवार से 50 बार से ज्यादा मिलना हुआ होगा. हां, बिग बी काफी व्यस्त रहते हैं. इस कारण उनसे तीन बार ही मिलना हो सका. वह कहते हैं : अमिताभ के किरदार में अभिनय की कई परतें थीं. शायद यही वजह है कि वह आज भी उसी जोश और जुनून के साथ काम में लगे रहते हैं. बढ़ती उम्र को भी अपने करियर पर कभी हावी नहीं होने दिया. लेकिन सबसे बड़ी बात कि इंसान को इंसान समझना ही अमिताभ की खासियत है. उनकी सादगी ऐसी कि जब उनके घर गया, तो उन्होंने चाय की प्याली भी खुद उठकर ऑफर करना चाहा. यही उन्हें सदी का महानायक बनाता है.

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मैं गड्ढे की ओर जा रहा था, तभी बिग बी ने हाथ पकड़कर खींच लिया

केनरा बैंक के अंचल कार्यालय में वरीय प्रबंधक के पद पर पदस्थापित आशुतोष कुमार सिंह काे 2005 में कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट शेयर का मौका मिला था. इसकी शूटिंग जुलाई 2005 में हुई थी. शो का प्रसारण 10-11 सितंबर 2005 को हुआ था. इस दौरान वह घंटों अमिताभ बच्चन के साथ थे. उस वक्त आशुतोष ग्रेजुएशन कर रहे थे. वह कहते हैं : शूटिंग शुरू होने से पहले खास प्रशिक्षण मिला था. इस दौरान अमिताभ बच्चन भी साथ थे. पहली बार अमिताभ बच्चन को देखा, तो खुद पर विश्वास नहीं हो रहा था. उन्होंने भी कभी अहसास नहीं होने दिया कि वह बॉलीवुड के महानायक हैं. जब स्टेज पर फास्टेस्ट फिंगर की प्रक्रिया के बाद उनके साथ स्टेज पर आ रहा था, तो एक किनारे में गड्ढा था. मैं अमिताभ बच्चन को देखने के चक्कर में गड्ढे की ओर जा रहा था, तभी उन्होंने हाथ पकड़कर खींच लिया. कंधे पर हाथ रखकर स्टेज पर लेकर गये. बिग बी ने कहा : तुम्हारी उम्र काफी कम है. अच्छा खेलो. जीवन में सफल होगे.

महानायक के 50 खास कैरिकेचर में आठ मेरे थे

रांची के कार्टूनिस्ट मनोज सिन्हा कहते हैं : मैंने 2019 में अमिताभ बच्चन को समर्पित कैलेंडर जारी किया था. उस वक्त बिग बी के फिल्मी सफर का 50वां वर्ष पूरा हो रहा था. कैरिकेचर से उनके 12 खास रूप को पेश करने का निर्णय लिया. अमिताभ बच्चन के कैरेक्टर को समझने के लिए कई गाने सुने. फिल्में भी देखी. 2019 में कैलेंडर सीरीज ‘अरे दीवानों मुझे पहचानो’ का अमिताभ बच्चन के हाथों लोकार्पण कराने का अवसर मिला. उनके फिल्मी सफरनामे पर एक खास काॅफी टेबल बुक प्रकाशित हुई थी. इसमें देश के तमाम कैरिकेचर आर्टिस्ट ने 50 अलग-अलग लुक को साझा किया था, उन 50 में आठ कैरिकेचर मेरे थे.

अमित जी ने कहा : यह तो मेरी फिल्म का डायलॉग है

प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा ने बताया कि 2011 में फिल्म निर्देशक प्रकाश झा की फिल्म आरक्षण रिलीज होने वाली थी. इस फिल्म के प्रमोशन के लिए अमिताभ बच्चन पटना पहुंचे थे. प्रकाश झा के स्नेह से बिग बी से मिलने का अवसर मिला. जब मैं होटल पहुंचा, तो अमिताभ जी पहली मंजिल पर थे. हमें देखते ही तेजी से सीढ़ियों से नीचे उतरे. मैंने दो पुस्तकें भेंट की़ एक थी ‘जीरो टू हीरो’, जिसे देखते ही अमिताभ जी ने कहा : यह तो मेरी फिल्म का डायलॉग है.

भीड़ नियंत्रित करने पुलिस खुद पहुंच जाती थी सिनेमाघर

सुजाता सिनेमा के प्रोपराइटर दुष्यंत जायसवाल (पिता स्व अश्विनी जायसवाल) कहते हैं : पहले हाल यह था कि रांची के हर सिनेमा घर में अमिताभ बच्चन की फिल्में लगी रहती थीं. कहीं 45वां सप्ताह, तो कहीं 37 सप्ताह. सिनेमाघर में ताली और सीटी का ट्रेंड अमिताभ बच्चन के कारण ही शुरू हुआ़ वह आम आदमी के हीरो रहे हैं. हर भूमिका निभायी़ जब सिनेमाघर में उनकी फिल्म लगती, तो भीड़ अनियंत्रित हो जाती़ भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस खुद पहुंच जाती थी. उनकी फिल्म आने वाली रहती थी, तो सिनेमा हॉल मालिक पूरी तरह से संतुष्ट रहते थे कि फिल्म अच्छी चलेगी.

महानायक से मिलने के जुनून में दोबारा पढ़ाई की

एयरफोर्स से सेवानिवृत्त बिनोद कुमार कहते हैं : सेना में कार्यरत था, उसी समय कौन बनेगा करोड़पति का पहला सीजन प्रसारित हुआ. इसके बाद ही अमिताभ बच्चन से मिलने की ख्वाहिश जगी. जुनून ऐसा था कि केबीसी की तैयारी के लिए सामान्य ज्ञान की किताब पढ़ने लगा. आखिरकार दिसंबर 2020 में ऑडिशन के लिए केबीसी की टीम का फोन आया. मुझे मुंबई बुलाया गया. फिर चार जनवरी 2021 को (सीजन 12 का 71वां एपिसोड) मैं अमिताभ बच्चन के सामने था.

तड़के चार बजे से ही लगने लगती थी दर्शकों की कतार

1947 से 1990 तक प्लाजा सिनेमा और 1980 से 2010 तक सैनिक थियेटर का संचालन करने वाले बुल्लू नारसरिया (पिता स्व किशन नारसरिया) कहते हैं कि अमिताभ बच्चन को इतना क्रेज रहता था कि तड़के चार बजे से ही सिनेमाघर के बाहर कतार लग जाती थी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ जाता़ टिकट की पैरवी के लिए फोन इतना आता था कि घर के लैंडलाइन फोन को उठा कर नीचे रख देते थे. मेरा बालाजी डिस्ट्रीब्यूशन भी है. उस समय बड़े मियां, छोटे मियां और हम किसी से कम नहीं झारखंड के लिए फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन लिया. फिल्म को अच्छा रिस्पांस मिला.

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