अपनी फैमिली के हेल्थ को लेकर सबसे ज्यादा तनाव होता है- अरबाज खान
बॉलीवुड एक्टर अरबाज खान ने जल्द ही वेब सीरीज तनाव से ओटीटी पर अपनी शुरुआत की है. अपने डेब्यू पर बात करते हुए अरबाज का कहना है कि ओटीटी एक एक्टर के तौर पर आपको परफॉर्म करने के ज्यादा मौके देता है, क्योंकि दस से बारह एपिसोड में कहानी कही जाती है, तो एक्टर के पास लक्जरी होती है.
सोनी लिव पर इन-दिनों वेब सीरीज तनाव स्ट्रीम कर रही है. इस वेब सीरीज से अभिनेता अरबाज खान ने ओटीटी पर अपनी शुरुआत की है. अरबाज ओटीटी की शुरुआत को अलग करार नहीं देते हैं, वे कहते हैं कि मैं तीस पैंतीस साल से एक्टिंग ही कर रहा हूं. उस बीच में मैं डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी बन गया, एक्टिंग से मैंने शुरुआत की थी. एक्टिंग मेरा पैशन रहा है. जब तक मुझे अच्छा काम मिलता रहेगा. मैं करता रहूंगा फिर चाहे माध्यम और भाषा कोई भी हो. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
क्या आपको लगता है कि ओटीटी एक्टर के तौर पर आपको वो मौके देगा, जिसका आपको इंतजार आपको अपने कैरियर के शुरुआत में तथा?
(हंसते हुए ) उस वक्त नहीं सोचा था कि अच्छे ऑफर्स पाने के लिए ओटीटी का इंतजार करना पड़ेगा. ओटीटी एक एक्टर के तौर पर आपको परफॉर्म करने के ज्यादा मौके देता है, क्योंकि दस से बारह एपिसोड में कहानी कही जाती है, तो एक्टर के पास लक्जरी होती है. अलग-अलग एक्सप्रेशन दिखाने की. यह भविष्य है और यह टिका रहेगा. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
तनाव सीरीज किस तरह से आप तक पहुंची?
लॉकडाउन में हरकोई विश्व कंटेंट देख रहा था. उस दौरान ही मैंने इजरायल सीरीज फौदा देखी थी. मुझे यह सीरीज इतनी पसंद आयी थी कि मैंने तीनों सीजन एक साथ देख लिया था. उस वक्त ही जेहन में ये ख्याल आया था कि हमारे यहां ऐसी कोई सीरीज क्यों नहीं बनती है और एक्टर के तौर पर ऐसी किसी सीरीज का हिस्सा बन पाया तो मजा ही आ जाएगा और आठ महीने बाद ही मुझे अप्पलॉज से इस सीरीज का आफर आ गया.
सुना है कि आपको इस सीरीज के लिए ऑडिशन भी देना पड़ा, ऑडिशन देने का प्रोसेस कैसा रहा?
मैंने अपने करियर में 80 से ज्यादा फिल्में की है, लेकिन मुझे कभी ऑडिशन नहीं देना पड़ा था. तनाव पहला मौका था, जब मुझे ऑडिशन देना पड़ा. मैंने अपने एक दोस्त को बुलाकर एक सीन की शूटिंग आईफोन पर की और उसे कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा के ऑफिस भेज दिया. बहुत नर्वस था, दो से तीन दिनों तक कोई जवाब ही नहीं आया. उसके बाद जवाब आया तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. वैसे यह सभी भी है पहले निर्देशक किसी एक्टर को चुन लेता था, तो निर्माता तो कभी डिस्ट्रीब्यूटर कहते कि यह मेरी पसंद नहीं था. मैं किसी और को चुनता था. अब इतने प्रोसेस के साथ एक्टर्स का चुनाव होता है कि कोई नहीं कह सकता कि यह एक्टर मेरी पसंद का नहीं था.
इस सीरीज की शूटिंग क्या कश्मीर में ही हुई है?
अगर 100 दिन का शेड्यूल है, तो 50 दिन शूटिंग कश्मीर और उसके आसपास के जगहों में ही हुई है. मुम्बई में भी शूटिंग हुई है. मेरा किरदार कंट्रोल रूम से ज्यादा ऑपरेट करता था. मेरे आउटडोर के 20 से 30 प्रतिशत ही सीन्स हैं. जिसकी वजह से मेरी ज्यादातर शूटिंग मुंबई में ही हुई है. मेरा एक हफ्ते का सिर्फ शूट कश्मीर में था. उस दौरान मैंने वहां की वादियों की खूबसूरती को एन्जॉय किया.
तनाव सीरीज ने आपके सामने क्या चुनौती रखी?
सबसे मुश्किल था सुधीर मिश्रा जैसे निर्देशक को खुश करना. एक्टर्स को लेकर उनके जो स्टैंडर्ड्स हैं.वो बहुत हाई है. ये बात सभी को पता है और मैं डायरेक्टर एक्टर हूं.मैं पूरी तरह से खुद को निर्देशक को समर्पित कर देने में यकीन करता हूं इसलिए मैंने बस उनको फॉलो किया.
आपने अपने कैरियर के शुरुआत में बहुत रिजेक्शन झेला है, वो डील करना कितना मुश्किल था?
अपने कैरियर के शुरुआती दौर में ही मैंने बहुत रिजेक्शन झेला है. युवा था, तो हर युवा की तरह मैं भी खुद में नहीं दूसरों में गलतियां ढूंढ रहा था, लेकिन अपनी फैमिली और दोस्तों के सपोर्ट से मैंने खुद को संभाला. उसके बाद मैंने रिजेक्शन्स को असफलता नहीं बल्कि अनुभव की तरह देखने लगा.आज मैं जो सक्रिय हूं, निर्माता, निर्देशक और एक्टर के तौर पर यह सब उन्ही अनुभवों की वजह से है. मैं ऐसे एक्टर्स को जानता हूं, जिन्हें शुरुआत में खूब सफलता मिली, लेकिन जब रिजेक्शन्स मिलने लगे, तो वे अपने आपको नहीं संभाल सकें. रिजेक्शन का अनुभव आपमें एक नया अप्रोच और ठहराव लेकर आता है.
सुपरस्टार सलमान खान जब आपका भाई हो तो असफलता और चुभती है क्या?
जब आपके घर में इतना बड़ा स्टार हो, तो उम्मीदें बढ़ ही जाती हैं, लेकिन मैंने कभी उसे खुद पर हावी होने नहीं दिया और मैं अपना बेस्ट देना चाहता था, जो भी मुझे मौके मिल रहे थे और मैंने वही किया. मैं धीरे धीरे आगे बढ़ रहा हूं. सलमान के सुपरस्टार होने का हमेशा मुझे फायदा ही हुआ है .कभी उससे मैं परेशान नहीं हुआ.
निजी जिंदगी में क्या बातें आपको सबसे ज़्यादा तनाव देती हैं.
तनाव तो आपको बहुत सी चीजें देती हैं. आपको रिश्ते देते हैं. आपको हेल्थ देते हैं. कभी-कभी प्रोफेशनल लाइफ भी देती है, मगर सबसे ज्यादा अपने करीबियों की सेहत को लेकर मुझे फिक्रमंद होती है या किसी और कारण से वह परेशान होते हैं, तो सबसे ज्यादा मैं परेशान हो जाता हूं. मुझे लगता है कि पैसों की दिक्कत आज नहीं तो कल खत्म हो जाएगी. काम नहीं है, कल मिल जाएगा लेकिन फैमिली के साथ कुछ भी होता है, तो मैं तनाव में आ जाता हूं.
आपकी फिल्म पटना शुक्ला की इन-दिनों शूटिंग भोपाल में हो रही है, एक बार फिर आप छोटे शहर को अपनी कहानी में ला रहे हैं?
छोटे शहरों में ढेरों कहानियां होती हैं, वो भी काफी अलग. मैं खुद छोटे शहर से हूं.मैं औऱ सलमान इंदौर में ही पैदा हुए थे. उम्मीद है कि एक बार फिर दर्शकों की पसंद पर खरा उतरूँ.वैसे यह फिल्म ओटीटी पर रिलीज करने की सोच रहा हूं, लेकिन आखिरी फैसला रिलीज के वक्त ही लूंगा.