Barun Sobti:बरुण सोबती को टेलीविजन से है ये शिकायत..खुद किया खुलासा
बरुण सोबती ने इस इंटरव्यू में टेलीविजन से दूरी की वजह का जिक्र करते हुए अपने आने वाले प्रोजेक्ट पर भी बात की है.
barun sobti :टेलीविजन के बाद अभिनेता बरुण सोबती ओटीटी प्लेटफार्म का भी लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं.बरुन सोबती की वेब सीरीज रात जवां है इनदिनों ओटीटी प्लेटफार्म सोनी लिव पर स्ट्रीम कर रही है. नये पैरेंट्स की इस कहानी में बरुण अविनाश की भूमिका में नजर आ रहे हैं. बरुण,अविनाश के किरदार से खुद की अलग बताते हैं ,लेकिन वह इस बात को स्वीकार करते हैं कि नये पैरेंट्स की चुनौतियां लगभग एक जैसी ही होती है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
क्या यह आपके कैरियर का बेस्ट फेज है?
यह मेरे करियर का बेस्ट दौर है. मैं भी इस बात को मानूंगा,लेकिन यह सब अपने आप हुआ है. मैंने कुछ प्लान नहीं किया क्योंकि अगर कुछ प्लान करना होता ,तो मैं अभी नहीं बहुत पहले ही यह सब कर चुका होता था, लेकिन कुछ चीजें होती हैं, जो समय और किस्मत के हाथों में ही होती है. समाज कैसे बदल रहा है.यह सब चीज मायने रखती हैं.उसके बाद ही सिनेमा और किरदार भी एवोल्व होते हैं .
आपके लिए टर्निंग पॉइंट कौन से प्रोजेक्ट रहा है?
मुझे लगता है कि यह जो बदलाव मेरे कैरियर में आया है. वह असुर लेकर आया होगा. लोगों को उसमें मेरा काम देखने के बाद लगा होगा कि यह बंदा एक्टिंग भी कर सकता है.उससे पहले मैं अपने टेलीविजन शोज के लिए पॉपुलर था, लेकिन मैं एक्टिंग में भी अच्छा हूं .यह बात लोग शायद नहीं मानते थे . उनके लिए मैं बस गुड लुकिंग एक्टर भर था.
रात जवां है को हां कहने की वजह क्या थी ?
आजकल ज्यादातर इंटेंस शो ओटीटी पर चल रहे हैं .यह बहुत ही लाइट हार्टेड शो था. इस बात ने मुझे सबसे ज्यादा अपील किया और यह शो बहुत अच्छा लिखा भी गया है.
अविनाश के किरदार से आप कितना जुड़ाव महसूस करते हैं क्योंकि निजी जिंदगी में आप भी एक पिता है?
अविनाश मेरे से बहुत ही अलग है लेकिन हां एक नए पेरेंट्स की क्या-क्या चुनौतियां होती है . यह मैं भी समझता हूं क्योंकि मैं भी एक पिता हूं.
आप कितने अच्छे पिता है?
मुझे लगता है हर कोई अपने आप को एक अच्छा पिता ही समझता है. मुझे लगता है कि मैं इतना अच्छा पिता नहीं हूं. जितना होना चाहिए हमारी इंडस्ट्री में काम की शेड्यूलिंग हो नहीं पाती है कि आप इतना समय अपने काम को देंगे और इतना घर को देंगे. ऐसे में सिंपल सा आपको रखना है कि जब घर पर हैं ,तो अपना पूरा समय अपने परिवार अपने बच्चों को दीजिए और अगर आप बाहर हैं,तो फिर आप अपना पूरा फोकस शूटिंग पर कीजिए.वैसे मेरे साथ एक अच्छी बात यह हुई थी कि मेरी बेटी का जन्म लॉकडाउन में हुआ था, तो मैंने बहुत सारा वक़्त उसके साथ बिताया था. बेटा जब हुआ तो उस वक़्त भी मैं शूटिंग पर नहीं था . उसके पांच महीने के होने के बाद मैंने शूटिंग जॉइन की तो मैंने अपने बच्चों के साथ समय बिताया है .
अक्सर कहा जाता है कि छोटे बच्चों के साथ शूटिंग सबसे मुश्किल होती है, क्या आपने सीरीज के दौरान इस बात को फेस किया?
हां यह सही है कि बच्चों के साथ शूटिंग आसान नहीं होती है. मेरा जो बच्चा सीरीज में बना है .वह 1 साल का था .इतने छोटे बच्चों को फिर समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है. कई बार मुझे बहुत बुरा भी लगता था. वैसे इस सीरीज की यूनिट बहुत अच्छी थी. हमने सब कुछ बच्चों के हिसाब से ही किया. बच्चों का अगर मूड खराब है,तो हम शर्ट को चेंज करके कुछ और शूटिंग कर देते थे. बच्चे का मूड अच्छा है तो फिर हमको शॉट देना ही है. (हंसते हुए) आप वाशरूम भी बाद में जाएंगे.
पिछले साल आपको कोहरा के लिए फिल्मफेयर का ओटीटी का अवार्ड मिला था, इससे कितना इंडस्ट्री का नजरिया बदला है ?
मुझे नहीं लगता कि इंडस्ट्री का नजरिया अवार्ड देखकर बदलता है. मुझे लगता है कि इंडस्ट्री का नजरिया आपके काम को देखकर बदलता है. जैसा मैं काम कर रहा हूं. मुझे लग रहा है कि उसी से लोगों का मेरे प्रति नजरिया भी बदल रहा है.
क्या टेलीविजन के लिए अभी भी ओपन हैं ?
सीमित एपिसोड वाला कुछ आएगा ,तो मैं टेलीविजन करना चाहूंगा लेकिन मैं डेली शो नहीं कर सकता हूं. डेली शो में कुछ समय के बाद राइटिंग बहुत ही खराब हो जाती है. मैं कैरियर के इस मुक़ाम पर ऐसे प्रोजेक्ट के साथ जुड़ना चाहूंगा इसमें शुरू से अंत तक सब कुछ लिखा हुआ हो .टीआरपी के आधार पर कहानी और किरदार नेगेटिव पॉजिटिव ना हो. मुझे जो अच्छा लगता है. मैं उसी प्रोजेक्ट से जुड़ता हूं. वरना मैं मना कर देता हूं.
आपके आने वाले प्रोजेक्ट्स?
मैं जल्दी ही इकट्ठे शो का शूटिंग करने वाला हूं. उसके बाद कोहरा 2 की शूटिंग होगी.असुर 3 अभी राइटिंग स्टेज पर है. .