फिल्म सोंधायनी को बेस्ट स्क्रिप्ट का अवार्ड
ढाका इंटरनेशनल यूथ फिल्म फेस्टिवल में घाटशिला केे सिराल मुर्मू की फिल्म 'सोंधायनी' को बेस्ट स्क्रिप्ट का ज्वाइंट अवार्ड मिला है. फिल्म के निर्देशक सिराल ने बताया कि सोंधायनी को इससे पहले भी देश के विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया जा चुका है. 25 मिनट की संताली शॉर्ट फिल्म फिक्शन पर आधारित है. फिल्म की कहानी आदिवासी बहुल इलाके की संस्कृति और समस्याओं को उजागर करती है. नवंबर में सोंधायनी कनाडा में आयोजित इमेजिनेटिव इंडिजिनस फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन की जायेगा.
रांची : ढाका इंटरनेशनल यूथ फिल्म फेस्टिवल में घाटशिला केे सिराल मुर्मू की फिल्म ‘सोंधायनी’ को बेस्ट स्क्रिप्ट का ज्वाइंट अवार्ड मिला है. फिल्म के निर्देशक सिराल ने बताया कि सोंधायनी को इससे पहले भी देश के विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया जा चुका है. 25 मिनट की संताली शॉर्ट फिल्म फिक्शन पर आधारित है. फिल्म की कहानी आदिवासी बहुल इलाके की संस्कृति और समस्याओं को उजागर करती है. नवंबर में सोंधायनी कनाडा में आयोजित इमेजिनेटिव इंडिजिनस फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन की जायेगा.
लोककथा से जोड़ती है फिल्म
सोंधायनी की कहानी गांव की संस्कृति और लोक कथाओं से जोड़ती है. जहां घर की दीवारों पर बनी कलाकृति से कहानी को जीवंत किया गया है. कहानी वाचक वृद्धि महिला एक यात्री को गांव के जंगल में पहुंची जियोलॉजिस्ट की टीम और चिड़िया की ओर से लिये गये अपने बदले की कहानी सुनाती है. कैसे एक चिड़िया के मरने से उसकी साथी चिड़िया जियोलॉजिस्ट की टीम से बदला लेती है. सिराल ने बताया कि फिल्म को ग्रामीण परिवेश में रखकर आदिवासी समाज की समस्याओं को दिखाने की कोशिश की गयी है. साथ ही ‘लोग प्रकृति के मालिक नहीं, प्रकृति लोगों की मालिक है’ का संदेश देने की कोशिश की गयी है.
एफटीआइआइ पुणे में रहते बनायी फिल्म
सिराल कहते हैं : वह 2019 में ही फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से पासआउट हैं. सोंधायनी को डिप्लोमा फिल्म के रूप में यानी पासआउट के समय तैयार किया था. बिजू टोप्पो और मेघनाथ को असिस्ट कर चुके हैं. सोंधायनी के अलावा सिराल शॉर्ट फिल्म – लाह डहर, देयर इज नथिंग न्यू इन दिस फिल्म, रिमेन्स, झुमरीतिलैया से, मराठी डॉक्यूमेंटरी उड़ूस तैयार कर चुके हैं. उड़ूस को इटली डॉक्यूमेंटरी फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया जा चुका है.