Best villains: भारतीय सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी है, जिनकी कहानियां और कैरेक्टर्स आज भी दर्शकों को याद है. खासकर उन मूवीज के विलेन और उनके डायलॉग. इसमें सबसे पहला नाम शोले के अमजद खान का है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही विलेन्स के नाम बताएंगे, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ दी.
तुम्बाड में हस्तार
राही अनिल बर्वे की ओर से निर्देशित और सोहम शाह की ओर से निर्मित, तुम्बाड एक हॉरर मूवी है. हर्ष की ओर से निभाया गया हस्तार का कैरेक्टर, एक प्राचीन देवता से राक्षस बने व्यक्ति के रूप में सामने आता है, काफी लालची है. उनकी जबरदस्त एक्टिंग ने दर्शकों के रौंगटे खड़े कर दिए थे.
शोले में गब्बर सिंह
शोले फिल्म तो ज्यादातर फैंस ने देखी ही होगी. इस मूवी में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र मेन लीड में थे, लेकिन पूरी लाइमलाइट अमजद खान ले गए. उनके आइकॉनिक कैरेक्टर गब्बर सिंह काफी पॉपुलर हुआ. इस मूवी में उनके डायलॉग कितने आदमी थे… आज भी दर्शकों के जुबान पर है.
मिस्टर इंडिया में मोगैम्बो
साल 1987 में रिलीज हुई मिस्टर इंडिया भारतीय सिनेमा की सबसे पॉपुलर फिल्मों में से एक है. इसमें अनिल कपूर और श्रीदेवी मेन लीड में थे, लेकिन दर्शकों ने मोगैम्बो बने अमरीश पूरी को ज्यादा पसंद किया. अपने ट्रेडमार्क डायलॉग , “मोगैम्बो खुश हुआ” से अमरीश ने अपनी अमिट छाप छोड़ी.
अग्निपथ में कांचा चीना
2012 की ‘अग्निपथ’ की रीमेक में, संजय दत्त का कांचा चीना का किरदार खतरनाक और मनोरंजक था. क्रूर ड्रग माफिया और प्रतिपक्षी के रूप में, कांचा चीना का कैरेक्टर उनकी डरावनी लुक के लिए काफी पॉपुलर हुआ. अपनी हंसी से उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक बेंचमार्क सेट किया.
शान से शाकाल
शाकाल के हाथ में जितने पत्ते होते हैं, उतने ही पत्ते उसकी आस्तीन में होते हैं… ये डायलॉग आपने जरूर सुना होगा. साल 1980 में आई फिल्म ‘शान’ में शाकाल का किरदार निभाने वाले कुलभूषण खरबंदा ने कही थी. उनकी एक्टिंग का हर कोई दीवाना हो गया था. वह 90 दशक के पॉपुलर विलेन में से एक है.