साउथ फिल्मों की बजाय टीवी को क्यों चुना?भाबीजी घर पर हैं फेम विदिशा ने बतायी इसकी वजह
भाबीजी घर पर हैं में अनिता भाभी का किरेदार निभाने वाली विदिशा श्रीवास्तव ने खुलासा किया उन्होंने साउथ फिल्मों को छोड़कर टीवी इंडस्ट्री को क्यों चुना. उन्होंने सीरियल को लेकर और भी खुलासे किए.
भाबीजी घर पर हैं सीरियल में विदिशा श्रीवास्तव अनिता भाभी के किरदार में नजर आ रही हैं. विदिशा बताती हैं कि शो में उनकी एंट्री के बाद दर्शकों का जो भी रिस्पॉन्स आया है. उसमें मुझे अभी तक सबने अच्छा ही कहा है अगर बुरा भी कहते तो भी मेरा फोकस मेरी एक्टिंग पर ही होता था. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
आपसे पहले अनिता भाभी के किरदार में दो और अभिनेत्रियां कर चुकी थी ऐसे में शो से जुड़ने को लेकर कोई प्रेशर था?
मैं प्रेशर लेकर शो से नहीं जुड़ी हूं, क्योंकि मैंने शो देखा हुआ है. मुझे पता था कि मैं अनिता भाभी के सांचे में फिट बैठती हूं.हां सबकुछ बहुत जल्दी हुआ. आमतौर पर किसी प्रोजेक्ट्स में आपको जुड़ने से पहले दो तीन ऑडिशन्स होते हैं. एक दो मॉक शूट होता है.यहां ऐसा नहीं था. सबकुछ एक दिन में ही लगभग फाइनल हो गया था.
इस शो में आपके कोएक्टर आपसे काफी सीनियर हैं
मुझे लगता है कि उम्र बस सिर्फ एक नंबर है. इस शो के सेट पर मुझे यही लगता है.हम सभी साथ में खाना खाते हैं. मस्ती मज़ाक करते हैं तो लगता ही नहीं कि उम्र में इतने बड़े हैं. हां सभी एक्टर्स का काम का अनुभव मुझसे ज़्यादा है. तो मेरे काम आ रहा है. वे मुझे बताते रहते हैं कि अनिता के किरदार की केमिस्ट्री विभु के साथ ऐसी है. तिवारीजी के साथ ऐसी है .
अनिता के किरदार से कितना मेल खाती हैं
मैं बहुत हद तक अनिता जैसी ही हूं. हां वो दूसरे को खुद के मुकाबले कमतर मानती हैं तो मैं वैसी नहीं हूं.मुझ इस पहलू पर बस एक्ट करना होता है. बाकी मैं जैसी हूं.वैसी वो हैं.मैं रियल लाइफ में भी वैसे ही बात करती हूं. वैसे ही रहती हूं. अनिता के किरदार में मुझे ज़्यादा एक्टिंग नहीं करनी पड़ती है.
हाउसहसबैंड विभु हैं, क्या निजी जिंदगी में आप हाउस हसबैंड के लिए तैयार हैं
सबको काम करना चाहिए. खुद पर आत्मनिर्भर होना चाहिए , लेकिन लड़का अगर घर का काम कर रहा है और लड़कीं बाहर का तो मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता है. आज मैं बाहर काम कर रही हूं मगर पुराने खयालातों के हिसाब से मुझे काम नहीं करना चाहिए तो हम पुरानी सोच को लड़कों पर क्यों थोपे. अगर घर में रहना किसी एक को ज़रूरी है तो वो कोई भी हो सकता है लड़का या लड़की.
खबरें हैं कि आपको शुभांगी अत्रे से ज़्यादा पेमेंट मिल रही है
ये गलत खबर है. वैसे मुझे उनका पेमेंट नहीं पता है कि वो कितना चार्ज करती हैं.
आपने साउथ इंडस्ट्री से शुरुआत की है फिर टेलीविज़न को चुनने की क्या वजह थी
मैंने साउथ की फिल्मों से शुरुआत की थी.उसके बाद मैं कॉरपोरेट जॉब में चली गयी थी.बहुत अच्छे पैसे मिल रहे थे. ढाई साल मैंने वो किया लेकिन वो कहते हैं ना जिसके चेहरे पर एक बार चूना लग जाता है उसे कहीं खुशी नहीं मिलती है.मुझे समझ आ गया था कि पैसों से बढकर आपका पैशन होता है.आपकी खुशी महत्वपूर्ण है. ढाई साल के ब्रेक के बाद मैं इंडस्ट्री में वापस आयी.वापस आयी तो मैंने तय किया कि मुझे यहां काम करना है क्योंकि उस वक़्त साउथ में आप काम करते थे तो लोग आपको यहां के लोग जानते नहीं थे.आपके ही लोग आपको पूछते हैं कि क्या करती हो तो मैने तय किया कि मैं अपने लोगों में फेमस होउंगी. मैंने मुम्बई में अपना बेस बनाया और मुझे पहला शो ये हैं मोहब्बतें मिला. उसके बाद मैं टीवी से जुड़ती चली गयी.
इन-दिनों ओटीटी की धूम मची है ,कभी लगा नहीं कि टीवी से ब्रेक लेकर ओटीटी पर काम करना चाहिए
मैं बहुत ही वर्कोहोलिक हूं.मुझे जो काम पहले मिल जाता है जो मुझे पसंद भी है तो मैं कर लुंगी.मैं गोल सेट नहीं करती कि अभी ये करना है.ये नहीं करना है.मुझे काम करने का शौक है फिर चाहे माध्यम कोई भी हो.रोल अच्छा है.मुझे उसमें रुचि है तो मैं करती हूं.
इस सीरियल में आपको गोरी मैम कहा जाता है,इस टैग पर आपकी क्या सोच है
सिनेमा समाज का आईना होता है.यह शो कानपुर जैसे छोटे शहर पर आधारित है तो छोटे शहरों में बात करने का ढंग ही ऐसा होता है. यहां कोई रेसिज्म की बात नहीं हैं. मुझे लगता है कि आपकी जो भी स्किन कलर हो आपको उसमें सहज होना चाहिए .मुझे लगता है कि सांवली लड़कियां भी बहुत आकर्षक होती है.
आमतौर पर कहा जाता है कि टीवी बहुत हैक्टिक होता है ऐसे में खुद का ख्याल कैसे रखती हैं
अगर आपको खुद से प्यार है तो आप अपने लिए वक़्त निकाल ही लेते हो. मैं कार से शूटिंग सेट पर आती हूं तो म्यूजिक लगाकर 25 मिनट तक मैं मेडिटेशन कर लेती हूं. यह मेरी माइंड और बॉडी दोनों को रिलैक्स करता है. इसके अलावा मैं समय निकालकर योग भी करती हूं.