‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ और ‘डमरू’ में अलग–अलग शेड्स में दिखेंगे देव सिंह
भोजपुरी सिनेमा में निगेटिव रोल में नजर आने वाले अभिनेता देव सिंह की इन दिनों कई फिल्में फ्लोर पर हैं. मगर वे मानते हैं कि इंडिया ई कॉमर्स की ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ और बाबा मोशन पिक्चर्स की फिल्म ‘डमरू’ उनके अलग – अलग शेड्स देखने को मिलेंगे. जहां ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ […]
भोजपुरी सिनेमा में निगेटिव रोल में नजर आने वाले अभिनेता देव सिंह की इन दिनों कई फिल्में फ्लोर पर हैं. मगर वे मानते हैं कि इंडिया ई कॉमर्स की ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ और बाबा मोशन पिक्चर्स की फिल्म ‘डमरू’ उनके अलग – अलग शेड्स देखने को मिलेंगे. जहां ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ में वे विलेन के रूप में फिल्म की एक्ट्रेस को पाने की हर कोशिश करते हैं.
उनके किरदार ने हारना कभी सीखा नहीं. लोगों को टॉर्चर भी करते हैं. दबंग की छवि रखते हैं. वहीं, ‘डमरू’ में देव सिंह एक छात्र नेता के किरदार में हैं, जो बेसिकली भू–माफिया है. साम दाम दंड भेद के साथ जमीन पर कब्जा करना चाहते है. वह चतुर है.
दोनों फिल्मों को रजनीश मिश्रा निर्देशित कर रहे हैं. जहां ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ के आउंगा छठ पूजा के अवसर पर रिलीज होगी, वहीं ‘डमरू’ की रिलीज डेट अगले साल जनवरी में संभावित है. ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ और ‘डमरू’ के बारे में देव सिंह ने कहा कि बहुत दिनों बाद में मुझे ऐसा किरदार मिला है, जिसमें मैं अपने अंदर छुपी चीजों को खुलकर निकाल पाया हूं.
इसके लिए विशेष रूप से अवधेश मिश्रा और रजनीश मिश्रा का शुक्रगुजार हूं. अवधेश मिश्रा तो लीजेंड हैं. उनसे इंडस्ट्री के सभी लोग सीखते हैं. वहीं, रजनीश मिश्रा कमाल के निर्देशक हैं. वे सभी के आईडिया सुनते हैं और कलाकारों को उनकी क्षमता के अनुसार काम करने का मौका देते हैं. देव सिंह ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ के एक सीन में रो भी पड़े थे.
देव सिंह बताते हैं कि दोनों मल्टीस्टारर फिल्में ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ और ‘डमरू’ को लेकर प्रेशर काफी था. उन्होंने कहा कि अवधेश मिश्रा, खेसारीलाल यादव, संजय पांडेय जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ अपने को जज करना काफी मुश्किल था मेरे लिए. मैं नर्वस भी हुआ, मगर दोनों फिल्मों की टीम इतनी बेहतरीन था कि उनका सपोर्ट मुझे हमेशा मिला. मैं हर शॉट के बाद पूछता भी था कि मेरा परफॉर्मेंस कैसा था. मैंने फिल्म में आपना 100 प्रतिशत देने की काशिश की है. अब तक मैंने 50 से अधिक फिल्में और धारावाहिक कर चुका हूं. मगर मेरे करियर में इन दो फिल्मों में काम करने का जो अनुभव मिला, वो दिल को सुकून देता है.
उन्होंने खेसारीलाल के साथ अपने काम का अनुभव शेयर करते हुए कहा कि वे बेहद संजीदा इंसान हैं और वक्त के बहुत पाबंद हैं. लोगों को उनसे सीखने की जरूरत है. वे सेट पर खूब मस्ती भी करते हैं. वहीं, काजल के साथ मैंने पहले भी काम किया है. वे बहुत सपोर्टिंव और बिंदास हैं. जबकि ‘डमरू’ से डेब्यू कर रही याशिका कपूर इंनोसेंट और चुलबुली हैं. हालांकि उनसे मेरा ज्यादा इंटरेक्शन नहीं हुआ है.
बता दें कि छठ पूजा पर देव सिंह की एक और फिल्म पवन सिंह के साथ आने वाली है, लेकिन उनको ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ से काफी उम्मीदें हैं. वे कहते हैं कि इस फिल्म की बात ही कुछ और है. अब दर्शकों का मूड देखते हैं, उन्हें क्या पसंद आता है.