महापर्व छठ पूजा 2017: देखें छठ पूजा पर बना भोजपुरी गीत ”कबहू ना छूटी छठ”, वीडियो

पूजा में गीतों के बोल आज भी अनमोल है. समय बदल रहा है, लोग आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन ये त्‍योहार ही हैं जिन्‍होंने पूरे परिवार को एकसूत्र में बांध रखा है. लोक आस्‍था का महापर्व छठ के गाने मन को सुकून दे जाते हैं. इस बार भी छठ महापर्व पर राष्ट्रीय पुरस्कार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2017 11:25 AM

पूजा में गीतों के बोल आज भी अनमोल है. समय बदल रहा है, लोग आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन ये त्‍योहार ही हैं जिन्‍होंने पूरे परिवार को एकसूत्र में बांध रखा है. लोक आस्‍था का महापर्व छठ के गाने मन को सुकून दे जाते हैं. इस बार भी छठ महापर्व पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नितिन नीरा चंद्रा नया वीडियो सॉन्‍ग लेकर आये है. इस वीडियो में खास बात यह है कि इसमें आधुनिक समाज और छठ पर्व की आस्‍था का बखूबी चित्रण किया गया है.

पिछले साल भी नितिन नीरा चंद्रा एक वीडियो लेकर आये थे, जो पिछले वीडियो की अगली कड़ी है. पहले वीडियो में दिखाया गया था कि कैसे आज भी नई पीड़ी अपने नए तौर तरीके नहीं भूली है. इस वीडियो में नायिका गांव की न होने के बावजूद वो छठ को मनाने के तौर तरीके सीख कर छठ के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. शारदा सिन्‍हा की मखमली आवाज एक फिर दिलों को छू रही है. इस वीडियो में एक शॉर्ट फिल्‍म के जरिये कई बातों की ओर ध्‍यान खींचा है.

पिछले वीडियो को लेकर नितिन नीरा चंद्रा ने बताया था कि वह वीडियो करीब 23 देशों के लोगों में रहने वाले बिहारी और पूर्वांचली मूल के लोगों के व्‍हाट्सएप्‍प पर पहुंचा था. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था. ऐसे में नीतिन इस साल वीडियो की अगली कड़ी लेकर आये हैं.
दूसरी सीरीज का नाम है- ‘कबहू ना छूटी छठ’.

नीतिन चंद्रा ने इन दोनों वीडियो के माध्‍यम से दर्शाने की कोशिश की है भले की समाज आधुनिक की ओर बढ़ रहा है लेकिन लोगों ने अपनी परंपराओं को जीवित रखा है. यह वीडियो में घर से दूर रह रहे युवा और परिवार की भावनाओं पर बेस्ड है. यह छठ गीत एकबार फिर त्‍योहारों में रिश्‍तों की मिठास घोलेगी. इस गीत को अपनी आवाज से सजाया है भरत शर्मा ‘व्‍यास’ और अलका याज्ञनिक ने.

वैसे तो सभी पर्व-त्योहार अहम होते हैं मगर छठ महापर्व की बात ही निराली है. बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लोगों के बीच धर्म और आस्था के प्रतीक के तौर पर छठ महापर्व को सभी पर्व-त्योहार में सबसे ऊपर स्थान दिया गया है.

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