कांपऽ ता करेज नईखे अन्न-धन, सईयां बाड़े अरब हो…..
बहि गईले बाढ़वा में घरवा तऽ कईसे छठ करब हो !!
दीपावली का त्योहार बीत चुका है और छठ पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं. बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यह महापर्व कितना महत्वपूर्ण है, यह हम सभी जानते हैं.
लेकिन इस बार बिहार में बाढ़ की विभीषिका ने न केवल बिहार के किसानों और शासकों को प्रभावित किया है, बल्कि राज्य के बुद्धिजीवी और गायक कलाकारों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है.
इसी का नतीजा है कि वहां के भोजपुरी गायक कलाकारों ने बाढ़ की विभीषिका को शब्दों में पिरोते हुए छठ के गीत से जोड़ा है. इन गीतों में छठी मइया से व्रती महिला की ओर से अरज करते हुए इसका मार्मिक दृश्य का चित्रण किया गया है.
इसी तरह के एक गाने में गायक ने महिला छठ व्रती की ओर से अरज करते हुए गाया है कि बाढ़ में घर-द्वार और सारे अन्न-धन बह गये हैं और पति भी रोजगार के लिए अरब (परदेस) में है. ऐसे में यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस बार छठ का व्रत कैसे हो पायेगा.
साथ में दिये गये इस गाने के वीडियो को देखें, जिसके बोल हैं – कईसे छठ करब हो. स्वर है आशीष दुबेकाऔर लिखनेवाले हैं मिथिलेश मैकश. छठ के मौके पर यह गाना वायरल हो रहा है.
यहां देखें वीडियो –