VIDEO: भोजुपरी गायिका कल्‍पना पटवारी का जन्‍मदिन आज, इस बर्थडे को बताया बेहद खास…

जानीमानी भोजपुरी गायिका कल्‍पना पटवारी का आज जन्‍मदिन है. असम में पैदा हुई कल्‍पना पटवारी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. कल्‍पना को संगीत की कला विरासत में मिली. उनके पिता बिपीन पटवारी असम के जानेमाने लोक गायक थे. कल्‍पना को बचपन से संगीत में रुचि थी और मात्र 4 साल की उम्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2017 2:00 PM

जानीमानी भोजपुरी गायिका कल्‍पना पटवारी का आज जन्‍मदिन है. असम में पैदा हुई कल्‍पना पटवारी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. कल्‍पना को संगीत की कला विरासत में मिली. उनके पिता बिपीन पटवारी असम के जानेमाने लोक गायक थे. कल्‍पना को बचपन से संगीत में रुचि थी और मात्र 4 साल की उम्र में उन्‍होंने गाना शुरू कर दिया था. कल्‍पना को जन्‍मदिन के मौके पर उनके करीबियों ने एक स्‍पेशल सरप्राइज दिया.

पटना में कल्‍पना पटवारी का जन्‍मदिन मनाया गया. इस मौके पर उनके दोनों बेटे अरस्‍तु और अरस्‍मित मौजूद थे. कल्‍पना ने इस दौरान कहा कि उन्‍हें इस सरप्राइज का बिल्‍कुल भी अंदाजा नहीं था. उन्‍होंने सबको धन्‍यवाद किया. साथ ही उन्‍होंने अपने इस बर्थडे को बेहद खास बताते हुए कहा,’ मेरा जन्‍मदिन छठ पर्व के दौरान आया जो मेरे लिए बेहद खास है. कल शाम से ही मुझे खरना का प्रसाद खाने को मिला. ये मेरे लिए सबसे बड़ा बर्थडे गिफ्ट है.’

पिछले दिनों कल्‍पना पटवारी अपने एक वीडियो को लेकर चर्चाओं में थीं, जिसमें उन्‍होंने एक म्यूजिक वीडियो के जरिये छठ के प्रति मुसलिम परिवार के आस्था को दर्शाने की कोशिश की थी. इस वीडियो को बेहद पसंद किया गया था और सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल भी हुआ था. वीडियो में एक मुसलिम परिवार को छठ के दौरान होने वाले तमाम रीति – रिवाज को निभाते दिखाया गया था.

बता दें कि कल्‍पना पटवारी ने 30 अलग-अलग भाषाओं में गाने गाये हैं. इस बारे में उन्‍होंने एक बातचीत में बताया था कि,’ गाने किसी भी भाषा के हो मैं उसे इंज्‍वॉय करती हूं. उन गानों के साथ मेरे भी पांव थिरकते हैं. मैं खुद को बॉलीवुड सिंगर की तरह नहीं देखती हूं. मैं हर प्रांत की मिट्टी से जुड़ना चाहती हूं. मुझे अलग-अलग बोलियों और भाषाओं में गाना पसंद है. भोजपुरी गाने मेरे लिए बेहद खास है.’

कल्‍पना पटवारी का मानना है कि किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष जरूरी है. उन्‍होंने भी खुद को यहां तक लाने में खूब मेहनत की. उन्‍होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी गाया है और उन्‍हें वहां भी लोगों का खूब प्‍यार मिला है.

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