भोजपुरी फिल्म ‘बॉर्डर’ में सिल्वेस्टर स्टालिन के रैंबो लुक को दोहरा रहे हैं ये अभिनेता
रंजन सिन्हा हॉलीवुड के सुपर स्टार सिल्वेस्टर स्टालिन का रैंबो लुक और उनकी अदाकारी को भला कौन भूल सकता है. अब वही लुक और अभिनय इस बार भोजपुरी पर्दे पर देखने को मिलेगा, जब इस ईद रिलीज होगी निरहुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की फिल्म ‘बॉर्डर’. इस फिल्म में नच बलिये फेम भोजपुरी सिनेमा के फिटनेस […]
रंजन सिन्हा
हॉलीवुड के सुपर स्टार सिल्वेस्टर स्टालिन का रैंबो लुक और उनकी अदाकारी को भला कौन भूल सकता है. अब वही लुक और अभिनय इस बार भोजपुरी पर्दे पर देखने को मिलेगा, जब इस ईद रिलीज होगी निरहुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की फिल्म ‘बॉर्डर’. इस फिल्म में नच बलिये फेम भोजपुरी सिनेमा के फिटनेस आइकॉन विक्रांत सिंह राजपूत रैंबो लुक में नजर आने वाले है.
विक्रांत सिंह इस फिल्म में एक फौजी की भूमिका में हैं, जो आर्मसलेस होने के बाद तीर कमान के साथ दुश्मनों के से लड़ते नजर आयेंगे. वो भी एकदम सिल्वेस्टर स्टालिन के स्टाइल में.
इस बारे में खुद विक्रात सिंह राजपूत का मानना है कि फिल्म में उनका रैंबो लुक काफी डिफरेंट है और यह दर्शकों को सिल्वेस्टर स्टालिन की याद दिलायेगी. विक्रांत सिंह राजपूत की मानें तो फिल्म ‘बॉर्डर’ का दायरा काफी बड़ा है, जो आम देश भक्ति की फिल्मों से काफी अलग है. यह लोगों से कनेक्ट करेगी. इसकी कहानी में एक सच्चाई है, जो लेखक – निर्देशक संतोष मिश्रा ने काफी मेहनत से तैयार की है. इसमें वार से ज्यादा सैनिक और उनके परिवार के इमोशन को उभारा गया है.
उनका कहना है कि, ‘ इस फिल्म की सबसे बड़ी बात इसमें अनावश्यक लड़ाई को नहीं दिखाया गया है और मुझे लगता है वो कोई दिखा भी नहीं सकता है. बावजूद इसके संतोष मिश्रा ने फिल्म में आर्मी मैन की जिंदगी की सच्चाई को दिखाने की भरपूर कोशिश की है. फिल्म के सभी गाने लाजवाब हैं. इसमें मेरा भी एक गाना है, जो काफी एंटरटेनिंग है. यह गाना मां, बेटे और बहू के बीच फिल्माया गया है.’
उन्होंने बताया कि इस फिल्म की अहमियत भोजपुरी सिने इंडस्ट्री के लिए खूब है, तभी तो दिनेशलाल यादव निरहुआ जैसे कलाकार ने इसे बनाने की हिम्मत दिखाई। वे इंडस्ट्री को समझते हैं. वे ऐसे शख्स हैं, जो भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री की तरक्की के लिए अच्छे प्रोजेक्ट को प्रमोट करते हैं. उसमें पैसे लगाते हैं.
विक्रांत ने फिल्म ‘बॉर्डर’ के लिए काफी ट्रेनिंग की, जिसमें उनकी मदद फिल्म के निर्माता प्रवेश लाल यादव ने खूब की. इस बारे में वे कहते हैं कि परवेश लाल यादव खुद आर्मी में रह चुके हैं, इसलिए उन्हें आर्म्ड फोर्स के जवानों के बारे में खासी जानकारी है. इसका इस्तेमाल उन्होंने बखूबी फिल्मों में किया है. हम आर्मी के कोड ऑफ कंडक्ट को परफेक्शन के साथ दिखाने के लिए शूटिंग के दौरान छत्तीसगढ में रोज एक घंटा अभ्यास करते थे। आर्मी में बैच, स्टार जैसे चीजों का बहुत महत्व होता है, जो यकीनन आम लोगों को नहीं पता होता है.
उन्होंने दर्शकों से अपील की कि वे इस फिल्म को देखें और अपनी राय जरूर शेयर करें क्योंकि ‘बॉर्डर’ के जरिये इंडस्ट्री में बहुत कुछ बदलने वाला है। जिन्हें फिल्मों की समझ है, उन्हें खुल कर फिल्म के बारे में समीक्षा करनी चाहिए, जो भोजपुरी इंडस्ट्री में नहीं देखने को मिलती है. ऐसे में इंडस्ट्री में ये पता ही नहीं चल पाता है कि किसका काम दर्शकों को कितना पसंद आ रहा है. इसलिए हम बॉलीवुड की फिल्मों से पिछड़ते हैं.