भोजपुरी में रैप म्यूजिक इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह सच है कि अब भोजपुरी में भी रैप म्यूजिक बन रहे हैं. इनकी लोकप्रियता भी इतनी कि यूट्यूब पर लाखों की संख्या में इन्हें देखा जा चुका है. भोजपुरी रैप का उभरता हुआ नाम जो इन दिनों छाया हुआ है वह है चंदन यादव उर्फ गैंगस्टर यादव.
मूल रूप से बिहार के सीवान जिला निवासी चंदन चंड़ीगढ़ में रहते हैं और वहीं से भोजपुरी रैप बनाते हैं. उनके भोजपुरी रैप में पंजाबी या वेस्टर्न रैप जैसे सभी रंग देखने को मिलते हैं, इतना ही नहीं विदेशों में भी वह शूटिंग करते हैं और इनके एलबम में विदेशी आर्टिस्ट भी खूब दिखते हैं. कुला मिलाकर भोजपुरी के साथ मार्डन तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल इसमें दिखता है.
हमने 28 वर्ष के चंदन यादव से बात की और जाना कैसे वह गैंगस्टर यादव नाम से भोजपुरी के रैपर बने. चंदन बताते हैं कि मैं चंडीगढ़ में रहता हूं और यहीं पला- बढ़ा हूं. बचपन से पंजाबी समेत विभिन्न भाषाओं के रैपरों को देखता-सुनता था. मन में अक्सर सवाल उठता कि मेरी मातृभाषा भोजपुरी में क्यों नहीं रैप म्यूजियक बन सकता है. भोजपुरी फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री का स्तर मुझे काफी निम्न लगता है. ऐसे में मेरी इच्छा थी कि इसके स्तर को बढ़ाया जाये इसे अपडेट किया जाये.
मैंने एक प्रयोग के तौर पर अपने चंडीगढ़ के कुछ दोस्तों के साथ मिलकर 2015 में इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद 2016 में मेरा चर्चित गाना गैंगस्टर यादव आया. इसने यूट्यूब पर काफी लोकप्रियता बटोरी. इसके बाद ही मैंने अपना नाम गैंगस्टर यादव रख लिया. जिस तरह से हनी सिंह, बादशाह जैसे नाम हैं मैं भी वैसा ही रैपर वाला कोई नाम रखना चाहता था. मेरा यही नाम पॉपुलर हो गया आज इसी नाम से जाना जाता हूं. गैंगस्टर यादव के बाद दादागिरी गाना भी आया इसको भी काफी पसंद किया गया. वहीं 2018 में आए सुपर बिहारी गाने ने तो सफलता के कई रिकार्ड बनाये.
चंदन कहते हैं कि मैं पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के कलाकारों के साथ काम करता रहा हूं इससे मुझे काफी मदद मिली. पंजाबी के कलाकार आज भी काफी मदद करते हैं. ज्यादातर शूटिंग चंडीगढ़ या उसके आस-पास के इलाकों में करता हूं. जरूरत पड़ने पर विदेशों भी शूटिंग करता हूं, मेरे गाने में आपको रशियन मॉडल भी दिखेंगी. मैंने बीसीए तक पढ़ाई की है. इस क्षेत्र में आने के लिए परिवार को समझाना मुश्किल था लेकिन बाद में उनका काफी सपोर्ट मिला. मैं अपने गानों को अपने यूट्यूब चैनल पर ही रिलीज करता हूं जिसके करीब 70 हजार सब्सक्राइबर हैं. मेरे पास भोजपुरी फिल्मों में काम करने के कई ऑफर आ चुके हैं लेकिन मैंने उन्हें इंकार कर दिया. मेरा मकसद अभी सिर्फ पैसा कमाना नहीं है बल्कि मैं भोजपुरी का नाम ऊंचा करना चाहता हूं. मैं इसकी गरिमा को बढ़ाना चाहता हूं, लोगों को बताना चाहता हूं कि भोजपुरी में भी रैप म्यूजिक हो सकता है.