बिहार म्यूजियम : आर्ट फिल्म फेस्टिवल को नहीं मिल रहे दर्शक

-यहां 21 जून से चल रहा है आर्ट फिल्म फेस्टिवल, 3 जुलाई तक चलेगापटना : बिहार म्यूजियम में इन दिनों आर्ट फिल्म फेस्टिवल चल रहा है. इसमें देश के चर्चित फिल्मकारों की फिल्में रोजाना शाम 4.30 बजे से दिखायी जाती है. इसका उद्घाटन 21 जून को हुआ और आगामी 3 जुलाई तक म्यूजियम के ओरिएंटेशन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2019 9:32 AM

-यहां 21 जून से चल रहा है आर्ट फिल्म फेस्टिवल, 3 जुलाई तक चलेगा
पटना :
बिहार म्यूजियम में इन दिनों आर्ट फिल्म फेस्टिवल चल रहा है. इसमें देश के चर्चित फिल्मकारों की फिल्में रोजाना शाम 4.30 बजे से दिखायी जाती है. इसका उद्घाटन 21 जून को हुआ और आगामी 3 जुलाई तक म्यूजियम के ओरिएंटेशन हॉल में फिल्में दिखायी जायेंगी. बेहतरीन आर्ट फिल्में दिखाने के बाद भी यहां दर्शक नहीं जुट रहे. हाल ये है कि फिल्म के दौरान 5 से 10 लोग ही हॉल में होते हैं.

दर्शकों की कम संख्या के पीछे माना जा रहा है कि बिहार म्यूजियम इस फेस्टिवल का सही तरीके से प्रचार- प्रसार नहीं कर पाया है. इन फिल्मों को पसंद करने वाला एक बड़ा वर्ग है लेकिन उसे यहां तक लाने के लिए कोई खास कोशिश की नहीं गयी. वहीं बिहार म्यूजियम में इंट्री करने के लिए 100 रुपये का महंगा टिकट खरीदना पड़ता है. हालांकि इन फिल्मों को देखने के लिए कोई टिकट नहीं कटाना है यानी ये पूरी तरह से नि:शुल्क हैं. लेकिन इसकी जानकारी कम लोगों को हैं इसके कारण भी लोग नहीं पहुंच पा रहे. मंगलवार को यहां आर्ट फिल्म ए रैबिट्स द लीप इन द मूनलाइट दिखायी गयी.

मशहूर कलाकार केजी सुब्रहमण्यन के जीवन पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन बिक्रम सिंह ने किया था. फिल्म जब शुरू हुई तो हॉल में अच्छी संख्या में दर्शक थे. लेकिन चंद मिनटों के बाद ही हॉल में पांच- सात लोग ही बचे. इस पर चर्चित फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम कहते हैं कि शास्त्रीय कलाओं या आर्ट फिल्मों के प्रति आम दर्शकों की रुचि हमेशा से कम रही है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इनका महत्व कम है.

भले ही दर्शक कम हो लेकिन ऐसे फिल्म फेस्टिवल लगातार होते रहने चाहिए ताकि दर्शकों को इनकी आदत लगे. वह मानते हैं कि इसका बेहतर प्रचार- प्रसार कर और अधिक लोगों को इससे जोड़ा जा सकता था.

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